विजयमित्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयमित्र – Vijayamitra.: Name of the 32nd chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर ऋषभदेव के 32वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयमित्र – Vijayamitra.: Name of the 32nd chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर ऋषभदेव के 32वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदभाव स्थापना – Sadbhaava Sthaapanaa. Installing right imagination of something in an artificial form. तदाकार स्थापना, जिसका जैसा आकार अथवा रुप हो वैसा ही उसकी मूर्ति मे संकल्प अथवा संकल्पना करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजय – Vijaya.: Victory,Name of the governing demigod of Lord Suparshvanath,Name of the first Balbhadra,Name of an Anuttar heavenly abode. जीत,भगवान चन्द्रप्रभु का शासन देव ,प्रथम बलभद्र ,एक अनुत्तर विमान “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंखली:A prapogator of falsehood. अपरनाम. मस्करीयापूरनकश्यप द्य भाव संग्रह ग्रंथ के अनुसार ये पहले दिगम्बर मुनि थे पुनःभगवान महावीर के समवशरण से बाहर निकल कर इन्होंने अज्ञान मत का प्रचार किया ।
द्रव्य सम्यग्दृष्टि One having keen desire & eligible talent for getting right perception. जो जीव अपने कल्याण का इच्छुक है अर्थात् जिसमें आगामी काल में सम्यक्त्व होने की योग्यता है। यह द्रव्य निक्षेप की अपेक्षा कथन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रांत – Vikraanta.: Courageous, victorious. साहसी ,विजेता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानुनंदी – Bhanunamdi. Name of the disciple of Nemichandra-1 & preceptor of Sinhnandi-1. नेमिचन्द नं. १ के शिष्य और सिंहनन्दी नं. १ के गुरु (ई. ५६५-५८६) का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकलप्रत्यक्ष –Vikalapratyaksha.: Self revealed knowledge (without the aid of sense organs)like clairvoyance,telepathy. जो ज्ञान रूपी पदार्थ को बिना किसी की सहायता से स्पष्ट जानता है “अवधिज्ञान व मनःपर्ययज्ञान विकल प्रत्यक्ष ज्ञान है “
द्रव्य लेश्या Physical aura, physical colouration. वर्ण नामकर्म के उदय से उत्पन्न हुआ जो शरीर का वर्ण है। उसको द्रव्य लेश्या कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]