मटम्ब!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मटम्ब – Matamba. A main village among 500 surrounding villages. जो 500 ग्रामों में प्रधान भूत होता है, उसका नाम मटम्ब है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मटम्ब – Matamba. A main village among 500 surrounding villages. जो 500 ग्रामों में प्रधान भूत होता है, उसका नाम मटम्ब है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त-विवृत्त – Sanvrtta-Vivrtta. A type of female genital organ with having some hidden & some opened portion. योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि स्थान कुछ ढका हुआ और कुछ खुला हुआ हो “
चंद्र The moon, Name of a summit of Devmal Vakshar mountain and its protecting deity, A summit of Ruchak mountain, 2nd & 3rd Patals (layers) of Saudharma heaven, Name of Kuber’s palace & a cave etc. चन्द्रमा, अपर विदेह स्थित देवमाल वक्षार का एक कूट व उसका रक्षक देव, रूचक पर्वत का एक कूट, सौधर्म…
गेंडा Rhinoceros-significant symbol of Lord Shreyansnath. श्रेयांसनाथ भगवान् का चिह्न ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्यात् : == नियमनिषेधनशीलो निपातनाच्च य: खलु सिद्ध:। स स्याच्छब्दो भणित:, य: सापेक्षं प्रसाधयति।। —समणसुत्त : ७१५ जो सदा नियम का निषेध करता है और निपात रूप से सिद्ध है, उस शब्द को ‘स्यात्’ कहा गया है। यह वस्तु को सापेक्ष सिद्ध करता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतपूर्व नय – Bhutapurva Naya. A standpoint related to the past events. अतीत कालीन पर्यायों की अपेक्षा कथन करने वाला नय “
गुणोपचार Change of nature with respect to association of different virtues. कार्यविधि , स्नान , गुणों के साहचर्य से आत्मा भी गुणसंज्ञा को प्राप्त होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तव्यसन चारित्र – Saptavyasana Chaaritra. Name of a book written by Manranglal. पंडि़त मनरंगलाल (ई. 1850-1890) द्वारा रचित भाषा छंदबद्व कथा।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव – स्वभाव – Vibhava – Svabhava. Nature contrary to the real nature. कर्मबंध के प्रकरण में रागादि परिणाम भी अशुद्ध निश्चयनय से जीव के स्वभाव कहे जाते हैं “