प्राणघात!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणघात- हिंसा; प्रामद से युक्त होकर जीवों का घात करना। Pranaghata- Killing of beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणघात- हिंसा; प्रामद से युक्त होकर जीवों का घात करना। Pranaghata- Killing of beings
द्रव्यत्व Substantiality. द्रव्य के 6 सामान्य गुणों में एक जिस शक्ति के निमित्त से द्रव्य हमेशा एकसा नहीं रहता, उसकी पर्यायें हमेशा बदलती रहती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिर्चित्प्रकाश- बाह्य पदार्थो की ओर जिसकी दृटि हो। Bahircitprakasa- External knowledge
द्रव्य अनुयोग One of the 4 expositions (Anuyogs) of Jainism, dealing with substances (matters) & metaphysics. 4 अनुयोगों में एक – पदार्थों के अस्तित्व तथा उनके प्रमाण का वर्णन अथवा शुद्ध-अशुद्ध जीव आदि छः द्रव्यों का वर्णन।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दीर्भाग्य Bad luck, Unfortune. दुर्भग नामकर्म रूप आदि गुणों से युक्त होकर भी अप्रीतिकंर अवस्था होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालक्रिया- मिथ्यादृष्टि अज्ञानी जीवों द्वारा की जाने वाली आत्मशून्य क्रिया। Balakriya- activities done by wrong believers
देहमान Investigation related to the body of beings. जीवों की शारीरिक अवगाहना का प्रमाण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बनारस- 7 वें तीर्थकर सुपार्वनाथ एवं 23 वें तीर्थकर पाश्र्वनाथ की जन्म नगरी का ाम। यहाँ उनके क्रमश: 4 व 3 कल्याणक हुए है। Banarasa- A city; the birth place of lord Suparshavnath & Parshavnath
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्त –Vyakta. Expressed, Exposed, Revealed, Manifested. प्रगट “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षसप्तमी व्रत–Mokshasaptami Vrat. A famous fasting of Jains to be observed for 7 years. 7 वर्ष पर्यन्त प्रतिवर्ष श्रावण शु. 7(पार्श्वनाथभगवान् का मोक्षकल्याडक दिवस) को उपवास करना”