गुरुमूढ़ता!
गुरुमूढ़ता Belief in false preceptor of spiritual teachers. हिन्सादि पाप क्रियाओं में एवं आरम्भ परिग्रह में लिप्त रहने वाले साधुओं को गुरु मानकर उनकी भक्ति , वंदना , प्रशंसा आदि करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुरुमूढ़ता Belief in false preceptor of spiritual teachers. हिन्सादि पाप क्रियाओं में एवं आरम्भ परिग्रह में लिप्त रहने वाले साधुओं को गुरु मानकर उनकी भक्ति , वंदना , प्रशंसा आदि करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चोरकथा A theft-gossip, stories of deception or stealing. एक विकथा ; चोरों का चौरकर्म संबंधी कथन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वग्रहकता – Sarvagraahakataa. The quality of knowing all (of Kevalgyan) केवलज्ञान का सब कुछ जानने रुप गुण।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरोवर – Sarovara. A water reservoir, A large tank, pond (one of the 16th dreams of Tirthankar’s mother). हृद, तालाब। तीर्थकर की माता के 16 स्वप्नों मे 10 वां स्वप्न इसका फल है- “होने वाला पुत्र अनेक लक्षणें से शोभित होगा”।
चित्तप्रसाद Auspicious observances. शुभोपयोग- दान , पूजा , व्रत , शील आदि शुभ राग तथा चित्तप्रसाद रूप परिणाम, शुभ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्कर्म – Satkarma. Good deeds, a composition composed by Acharya Virsen on Shatkhandagam treatise. अच्छे कर्म, आचार्य वीरसेन (ई. 770-827) द्वारा रचित प्राकृत षट्खण्डागम का अतिरिक्त अधिकार “
चक्रपुरी Name of the capital of Gandha country in Videh (region). अपर विदेह के गंधा नामक देश की राजधानी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृष्ट – Sprasta. Touched.स्पर्ष किया हुआ, प्राप्यकारी या छूकर-भिड़कर जाना हुआ (चक्षु इन्द्रिय अप्राप्यकारी है, क्योकि वह स्पृष्ट रुप से पदार्थ को ग्रहण नही करती, शेष 4 इन्द्रिय प्राप्यकारी है)।