लोकेषणा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकेषणा –Lokeshnaa. Longing for worldly fame . लौकिक सुख की इच्छा “लोकप्रसिद्धि की भावना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकेषणा –Lokeshnaa. Longing for worldly fame . लौकिक सुख की इच्छा “लोकप्रसिद्धि की भावना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदिकाबद्धा –Vedikabaddha An infraction of a particular sitting posture of meditative relaxation. कायोत्सर्ग का एक दोष; दोनों भुजाओं से दोनों घुटने बांधकर बैठना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्तनिभ – 88 ग्रहो मे 15 वे ग्रह का नाम। Raktanibha-Name of the 15th planet out of 88
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकल्प सुख – Nirvikalpa Sukha. Indetermiate enjoyment, supreme bliss. समस्त विकल्पों से रहित मोक्ष सुख “
आर्यिका संघ Group of ‘Aryikas’. परम्परागत आर्यिकाओं के संगठन को आर्यिकासंघ कहते हैं, जिसमें एक मुख्य आर्यिका (गणिनी) भी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आरम्भी हिंसा Inevitable violence in performing various duties. हिंसा के चार भेदों में एक भेद वह हिंसा के संकल्प से न हो किन्तु असि आदि कर्मों एंव ग्रहस्थी प्रबंध करते हुए हो जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशांतद्रव्य Subsided matters (dravya) . उपशम अवस्था को प्राप्त द्रव्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवातिैक – आचार्य अकलंक देव द्वारा तत्वार्थसूत्र गं्रथ पर की गई विस्तृत संस्कृत वृत्ति। Rajavartika-name of a treatise written by Acharya Akalank dev