पिंगल (शास्त्र)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिंगल (शास्त्र) – Pimgala (Sastra). A treatise (prosody or metrics). एक छन्द शास्त्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिंगल (शास्त्र) – Pimgala (Sastra). A treatise (prosody or metrics). एक छन्द शास्त्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पक्षाभास: Fallacious arguments. मित्याप्रक्ष -इष्ट, असक्ष् िऔर अबाधित इन विषेषणो से विपरीत अनिष्ट, सि़द्व व बाधित पक्षाभास है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुमुक्षु–Mumukshu. Those desirous of salvation or liberation. मोक्ष की इच्छा करने वाले भव्य जीव” समयसार में निर्ग्रन्थ दिगंबर मुनिओ को मुमुक्षु कहा है”
दयार्द्र Compassionate; tender hearted. दूसरे की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पावागढ़ (तीर्थ) – Pavagarha (Tirtha). Name of a Digambar Jain place of pilgrimage in Gujarat, from where sons of Lord Ram ‘Lav & Kush’ got salvation. गुजरात में स्थित एक सिध्दक्षेत्र. यहाँ से भगवान रामचन्द्र के दो पुत्रों-अनंगलवण (लव) और मदनांकुश (कुश) ने घोर तप कर मोक्ष प्राप्त किया “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूगोल – Bhugola. Geography. जैनाभीमत में मध्यलोक- जंबुद्वीप आदि ब्रह्रांड का वर्णन विषय भूगोल में है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्गणा – Varganaa.: An aggregate of same molecules of some matter. वर्गों के समूह को वर्गाणा कहते हैं अथवा समान गुण वाके परमाणु पिंड को वर्गाणा कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथ स्त्रोत – Parsvanatha Stotra. A philosophical hymn written by the poet Padmaprabh. कवि पद्मप्रभ (ई. श. १२ का मध्यपाद) द्वारा रचित एक स्तोत्र “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाजातरूपधर–Yathajaatrupadhar. One having natural form without any worldly attachment. व्यवहार से नगन्पने एवं निश्चय से जो आत्मा का स्वरुप है उसे जोधारणकरता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयसंरक्षणानंद – Vishayasamraksananamda. Intense passionate attachment. एक प्रकार का रौदृ ध्यान, परिग्रह व इन्द्रिय भोग के पदार्थों की रक्षा में मोह करते रहना चौथा रौदृध्यान हैं “