स्वक्षेत्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वक्षेत्र – Svaksetra. Occupied space of matters.एक द्रव्य जितने क्षेत्र को रोक करके रहता है वह उस द्रव्य का स्वक्षेत्र है और अन्य क्षेत्र उसका पर क्षेत्र है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वक्षेत्र – Svaksetra. Occupied space of matters.एक द्रव्य जितने क्षेत्र को रोक करके रहता है वह उस द्रव्य का स्वक्षेत्र है और अन्य क्षेत्र उसका पर क्षेत्र है।
धृतवीर्य A king of Kuru dynasty. धृतेन्द्र के पश्चात् हुआ एक कुरूवंशी राजा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जय जिनेन्द्र A greeting word pronounced in Jaina community. जैनों में परस्पर विनय और प्रेमभाव प्रकट कर ने के लिए जयजिनेन्द्र शब्द बोला जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद् नास्ति अवक्तव्य – Syaadasti Naasti Avaktavya. The 6th Bhang of Saptbhangi-exposition of nature of the substance in the aspect of negation & indescribability.सप्तभंगी का छठवां भंग-द्रव्य परचुष्टय की अपेक्षा कथ्ंाचित् नास्तिरुप है और वही द्रव्य स्वचतुष्टय व परचतुष्टय की अपेक्षा युगफद् कथन न किए जाने से कथंचित् अवक्तव्य है।
धूप Fragrant gum or resin; one of the 8 worshipping articles of Lord Arihant. जिन भगवान की पूजन की अष्टद्रव्य सामग्री का एक द्रव्य, जिसको अग्नि में ‘खे’ (स्वाहा) कर अष्टकर्मों को दहन करने की भावना भायी जाती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यात्परम – Syaatparama. Exposition of soul in the aspect of steadiness.परिणामिक भाव अर्थात् स्वभाव मे अचलवृत्ति की अपेक्षा जीव का कथन।
धान्यमाष फल A weighing unit. तौल का एक प्रमाण विशेष । 16 श्वेत सर्षप फल 1 धान्यमाष फल। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य वर्गणा Lowest aggregate of Karmic molecules. जघन्य वर्ग के समूह का नाम जघन्य वर्गणा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहदेव – Sahadeva. One of the 5 Pandavas. रानी माद्री व पाण्डु का पुत्र, 5वां पांडव । अंत में दीक्षा धारण की, दुर्योधन के भानजे द्वारा शत्रु´जयगिरि पर घोर उपसर्ग होने पर समतापूर्वक देह त्याग कर सर्वार्थसिद्धि स्वर्ग में गये ।