गंधनामकर्म!
गंधनामकर्म Karma causing odourous body. जिसके उदय से शरीर में गंध हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
गंधनामकर्म Karma causing odourous body. जिसके उदय से शरीर में गंध हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्त्री त्याग:Abstention from adultery.स्वदार संतोष व्रत, परस्त्री सेवन का त्याग करना ।
दर्शन मोह क्षपक Destroyer of right faith deluding Karmas. दर्शन मोहनीय कर्म को नष्ट करने वाला क्षायिक स्म्यग्दृष्टि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर सल्लेखना – Shareera Sallekhanaa. Holly destruction of the body by reducing food taking etc. (an austerity). बाह्य सल्लेखना या कायक्लेश रूप अनुष्ठान करना अर्थात् भोजन आदि त्याग करके शरीर को कृश करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर समय:False belief of involvement in materialism (i.e. other than soul).जीव का परद्रव्यरत रहना, आत्मा को छोडकर पर द्रव्य को निज रूप मानना । जैन धर्म से बहिर्भूत सभी शास्त्र आदि परसमय कहलाते है।
उपविष्टोत्थित A type of meditative relaxation (with spiritual thinking) . कायोत्सर्ग का एक भेद – बैठे हुए आर्त्त-रौद्र ध्यानों का चिन्तवन करना। अपरनाम उपविष्ट निविष्ट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शय्या परिषह – Shayyaa Parishaha. A kind of affliction relted to sleeping with hardness. 22 परिषहों में एक परिषह; ध्यान अध्ययन अथवा मार्ग के श्रम से थककर साधू द्वारा कठोर भूमि पर एक करवट बिना कुछ ओढ़े अल्प निद्रा लेना और बाधा को समतापूर्वक सहन करना “
उपभोगपरिभोग Consumption, Enjoyment . वस्त्र आभूषण आदि बराबर भोगने वाली वस्तु को उपभोग एंव खान-पान आदि एक बार भोगने वाली वस्तु को परिभोग(भोग) कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर रूप:Alien nature.अपने स्वभाव को छोडकर विभाव रूप परिणमन होना ।