प्रवचन मातृका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचन मातृका – 5 समिति और ३ गुप्ती ऑफ़ प्रवचन मातृका कहते है ” Pravacanamatrka- Conduct with carefulness and self control
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचन मातृका – 5 समिति और ३ गुप्ती ऑफ़ प्रवचन मातृका कहते है ” Pravacanamatrka- Conduct with carefulness and self control
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदक्षिणा- वन्दना करते समय गुरु, जिन और जिनग्रह की परिक्रमा करना। pradaksina – circumambulation, salutary circling.
तपाचार Observance of austerity. बारह प्रकार के तपों का आसचरण करना अनशन अवमौदर्य , रसपरित्याग, वृत्ति- परिसंख्यान, कायक्लेश और विविक्तशरूयायन ये 6 बाह्य तप है एवं प्रायश्चित्त , विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, ध्यान और व्युत्सर्ग ये 6 अंतरंग तप हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमेय उपक्रम- उपक्रम के अर्थाधिकार का एक भेद। Prameya upakrama – a type of upkaram (a type of pursuance or introduction)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद चर्या- अनर्थदंड का एक भेद। प्रमाद पूर्वक व्यवहार आचरण करना। PramadaCarya- conduct with carelessness
तपऋद्धि A type of supernatural power for observing hard penance. कई-कई उपवास करना, खुले आकाशादि के नीचे या करना, घोर ब्रह्मचर्य आदि का पालन करने की शक्ति । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण विस्तार- आचार्य धर्मभूशण (ई.श. 14) द्वारा रचित एक ग्रंथ। PramanaVistara- A book written by Acharya Dharmabhushan
गुड़ Lump of raw sugar, an example for the fruition of meritorious Karmas. गन्ने के रस से बना एक मीठा पदार्थ, पुण्य कर्म प्रकृतियों के अनुभाग का एक उदाहरण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]