द्रव्य कषाय!
द्रव्य कषाय Physical – passions. जीव या द्रव्य कर्म का क्रोधादि रूप होना, निक्षेप की अपेक्षा कषाय का एक भेद।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य कषाय Physical – passions. जीव या द्रव्य कर्म का क्रोधादि रूप होना, निक्षेप की अपेक्षा कषाय का एक भेद।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकलन – Sankalana. Compilation, Integration. जमा करना, परस्पर राशियों को जोड़ना “
द्रव्य Matter, Substance, Reality. गुण और पर्याय का समूह या जो उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य से युक्त है उसे द्रव्य कहते हैं। द्रव्य 6 होते हैं – जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षष्ठ भक्त – Sastha Bhakta. A particular & procedural vow (fasting) to be observed for two days. दो उपवास की चार भुक्ति एवं एक दिन पूर्व व एक दिन बाद की एक-एक भुक्तियाँ, इस प्रकार कुल 6 भुक्तियों का त्याग षष्ठ भक्त कहलाता है, इसी को षष्ठ बेला भी कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध योग्य प्रकृति- 8 कर्मो की 120 कर्म प्रकृतियां बंध योग्य कहलाती है। Bandha Yogya Prakrti- Karmic nature causing binding
दोष निर्घातन विनय Reverence causing eradication of passions. दोष को नाश करने वाली विनय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षडनायतन – Sadanaayatana. See – Sat Anaayatana. देखें – षट् अनायतन “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मसेन – Brahmasena. Name of the preceptor of Acharya Veersen. आचर्य वीरसेन के गुरु तथा जयसेन जी के शिष्य (ई. १०१३ ) का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट् कर्म – Sat Karma. Six occupations for livelihood instructed by Lord Rishabhadev. भगवान ऋषभदेव द्वारा प्रजा की आजीविका के लिए बताये गये 6 कार्य; असि,मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेतवर्ण – Shvetavarna. White colour, as a sign of meritoriousness. एक लौकिक मंगल, यह अरहंत भगवान के शुक्लध्यान, शुक्ल लेश्या का प्रतीक होने से मंगल कहलाता है “