तत्प्रतियोगी!
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्यलब्धि Minimum attainments of spiritual virtues (like restraint etc.). जघन्य क्षयोपशम या संयामादि गुणों की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैथिलीकल्याणम–Maithilikalyanam. Name of a book related to Ram & Sita. सीता–राम प्रेम नाटक विषयक एक ग्रंथ”
जम्बूसामिचरिउ Name of a book written by poet “Veer”. कविवीर द्वारा ई. सन् १०१९ में रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक उदय – Savipaaka Udaya. Fruition of Karmas on maturity. काल, भव और क्षेत्र का निमित्त पाकर कर्मो का उदय होता है। वह दा प्रकार का है- सविपाक उदय और विपाक उदय । कर्मो का स्थिति पूर्ण होने पर उदय में आना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुद्राकर्म–MudraKarm. An illustration to explain some religious thought, pre–marking of something. अनुयोग के निरुक्ति अर्थ के 5 द्रष्टांतो में एक द्रष्टांत; लकड़ी से कोई वस्तु तैयारकरने के पहले लकड़ी के ऊपर जो रंग भरी डोरी से चिंह कर दिया जाता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृच्छा विधि – Prccha Vidhi. Method of asking or questioning, Synonym word for Shrutgyan (scriptural knowledge). पूछा गया अर्थ पृच्छा है, और वह जिसमें विहित की जाती है अर्थात् कही जाती है वह पृच्छाविधि कहलाती है, श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
ड्योढ गुणहाहिन A mathematical quantity. गुणहानि आयाम को ड्योड़ा करने पर मिले प्रमाण को ड्योढ गुणहानि कहते है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरक्त – Virakta. One with aversion from the worldly life (attach-ments), indifferent, A recluse. उदासीन, सांसारिक राग या लालसा से मुक्त, जो इन्द्रिय विषयों से विरक्त होता है “