इंद्राभिषेक!
इंद्राभिषेक An auspicious and sacred act (reverentialanointment of Indra). गर्भान्वयादि क्रियाओं में एक क्रिया, इन्द्र पद पर आरुढ़ करने के लिए देवों द्वारा इन्द्र का अभिषेक किया जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्राभिषेक An auspicious and sacred act (reverentialanointment of Indra). गर्भान्वयादि क्रियाओं में एक क्रिया, इन्द्र पद पर आरुढ़ करने के लिए देवों द्वारा इन्द्र का अभिषेक किया जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल – Shaila. A rock, a crag (mountain), Another name of Sumeru mountain. चट्टान, घातिया कर्मो की चतुस्थानीयअनुभाग शक्ति का उदाहरण, सुमेरु पर्वत का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नातक – Snaataka. Omniscients (those who have destroyed all 4 destructive karmas).निग्र्रन्ध साधुओ के 5 भेदो मे एक भेद है। जिन्होने 4 धातिया कर्मों का नाष कर दिया है। उन केवलियो (13वे एवं 14वे गुणस्थानवर्ती) को स्नातक कहते है।
इंद्रनंदि संहिता A book written by ‘Acharya Indranandi’.आचार्य इन्द्रनंदि (ई.श.10) की अपभ्रंश भाषाबद्ध कृति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर नामकर्म प्रकृति – Sthira Naamakarma Prakrti. Physique making karmic nature causing physical stability & strength while fasting or observing any austerity.जिस कर्म के उदय से उपवास आदि तपक रने पर शरीर मे वात, पित्त व कफ की स्थिरता बनी रहती है और शरीर कमजोर या अशक्त नही होता है उसे स्थिर नामकर्म प्रकृति…
आराधना सार समुच्चय A book written by ‘Acharya Ravichandra’. आचार्य रविचन्द्र (ई.श.12-13) द्वारा रचित एक चतुर्विध आराधना विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवर्त – Vivarta. Movement, Cyclone, Wandering. भंवर, चारों ओर घूमना, परिवर्तन ” परिणाम या परिणमन को विवर्त कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति धात – Sthiti Ghaata. Destruction of karmic time duration.अवकर्षण। आयु को छोड़कर शेष कर्मों का अनुभाग के बिना भी स्थितिधात होता है और आयु को छोड़कर शेष कर्मों का स्थितिधात के बिना भी अनुभागधात होता है।