संवृत्त!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त – Sanvrtta. Covered, Concealed, Hidden, A type of female genital organ. जो ढका हुआ हो उसे संवृत्त कहते हैं ” या ऐसा स्थान जो देखने में न आये, योनि का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त – Sanvrtta. Covered, Concealed, Hidden, A type of female genital organ. जो ढका हुआ हो उसे संवृत्त कहते हैं ” या ऐसा स्थान जो देखने में न आये, योनि का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतलाल – Santalaala. Name of a Jain poet, the writer of ‘Siddhachakra Vidhaan’. सिद्धचक्र विधान के कर्ता एक जैन कवि ” समय-ई.श. 17-18 “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वभाव स्थिति – Svabhaava Sthiti. State of absolute engrossment in soul. निश्चय रत्नत्रय। स्वरुप मे लीनता या निश्चय अवस्थान।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोचितावास – Vimochitavasa. A reflection of vow of non-stealing (staying of a saint in a deserted place). अचौर्यव्रत की एक भावना; दूसरे के द्वारा छोड़े हुए स्थानों में साधु का ठहरना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यग्रता विनिव्रती –Vyagrata Vinivrtti. To engross into deep meditation(to five up the agitated state of the mind). ध्यान; चित्त की व्याकुलता का त्याग करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव गुण व्यंजन पर्याय – Svabhaava Guna Vyammjana Paryaaya. Natural momentary states of omniscients & different states of matters etc. केवलज्ञानादि अनंत चतुष्टय स्वरुप जीव की स्वभाव गुण व्यंजन पर्याय है तथा परमाणु मे रहने वाले एक वर्ण, गंध, रस तथा अविरुद्व दो स्पर्ष पुद्गल द्रव्य की स्वभाव गुण व्यंजन पर्याय है।
द्वितीय स्थिति Second life time. अंतरकरण या अंतर स्थितिके उपरिवर्ती सर्वस्थिति का नाम द्वितीय स्थिति है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आनपान पयाप्ति Respiratory completion. नोकर्म वर्गणाओं के कुछ स्कंधों को श्वासोच्छ्वास रूप परिणामने की जीव की शक्ति की पूर्णता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्व प्रकाषक – Sva prakaasaka. Self revealing knowledge.ज्ञान। निष्चय नय से ज्ञान स्वप्रकाषक है।
द्वारावती Another name of Dvaraka city. श्री कृष्ण की महानगरी; इसकी रचना देवों ने की थी और द्वीपायन मुनि के क्रोध से यह भस्म हुई थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]