तद्भाव!
तद्भाव Intrinsic nature. गुण का गुण में अथवा पर्याय में सद्भाव या तद्रूपता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तद्भाव Intrinsic nature. गुण का गुण में अथवा पर्याय में सद्भाव या तद्रूपता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एक – अंगधर Acharyas possessing knowledge of one Anga (scriptural knowledge). जिन आचार्यों को द्वादशांग के एक अंग का ज्ञान था, विनयदत्तादि 4 आचार्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तदुभयाधिकरण A type of substratum (underlying basis). अधिकरण का एक भेद जो विष, लवण, क्षार, टिुक, अग्नि आदि दस प्रकार का होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोह विवेक युद्ध–Moha Vivek Yuddh. Name of a book. एक ग्रंथ का नाम”
तत्वप्रकाशिका A book written by Acharya Yogendudeva. आय योगन्दुदेव (ईत्रशत्र 6) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की प्राकृत भाषाबद्ध एक टीका। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वार्थरत्नप्रभाकर A book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र 8 (ई.सन् 1432) द्वारा रचित एक गंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासनाकाल – Vaasanaakaala.: Period of passionful thoughts. किसी विशेष कषाय भाव का संस्कार बना रहना “जैसे अनंतानुबंधी कषाय का वासनाकाल 6 महीने के ऊपर अनंत भवों तक भी रह सकता है एवं संज्वलन कषाय अंतर्मुहूर्त में ही समाप्त हो जाती है “
चामुंडराय A prominent person, who got installed a huge idol (57 ft. high) of Lord Bahubali at Shravanbelgola. आपका एक नाम गोमट्ट था , आपने श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में भगवान बाहुबली की विशालकाय प्रतिमा स्थापित करवाई थी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तार दर्शनार्य –VistaraDarsanarya. A type of noble persons. दर्शनार्य १० प्रकार के होते हैं उनमें से विस्ताररूचि वाले सम्यग्द्रष्टि को विस्तार दर्शनार्य कहते हैं “