तिल-तुष- भाव!
तिल-तुष- भाव An attitude of non-attachment. भेदज्ञान होने पर अनासक्ति या निर्ममत्व भाव (दिगम्बर साधु तिल – तुष मात्र भी परिग्रह नहीं रखते)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तिल-तुष- भाव An attitude of non-attachment. भेदज्ञान होने पर अनासक्ति या निर्ममत्व भाव (दिगम्बर साधु तिल – तुष मात्र भी परिग्रह नहीं रखते)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चक्रपूजा Worshipping of the wheel before starting world conquering by a Chakravarti (emperor). चक्रवर्तियों द्वारा दिग्विजय के शुभारंभ में की जाने वाली चक्र की पूजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मति – Mati. Instinct, Intellect, sensual understanding, perceptive knowledge. बुद्धि, इन्द्रिय और मन के द्वारा यथायोग्य पदार्थ जिसके द्वारा मनन किये जाते हैं, यह मननमात्र ही मति कहलाता है”
तिर्यक् प्रतर Square of Raju (a measurement unit). राजू – राजू। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गौरिक A type of Vidyadhars-those proficient in super power by birth. विद्याधरों की एक जाति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मज्जानुराग – Majjanuraga. Extreme family attachment. अनुरागके 4 भेदों में एक भेद; जन्म से ही परिवार के प्रति आपस में अतिशय स्नेह होना “
तिर्यचगति नामकर्म प्रकृति A type of karmic nature causing Tiryanch Gati. वह कर्म जिसके उदय से तिर्यंच की पर्याय में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घोषणा A habitation of herdsmen, Outcry, Roar, Name of a celestial deity. जन-जन तक निर्णय की सूचना पहुंचाना . पारिव्राज्यक्रिया के २७ सूत्रपदों में एक सूत्रपद . जो मुनि नगाड़े संगीत आदि की घोषणा का त्याग कर्ज्के तपस्या करता है उनकी तपस्या सफल होने पर दुंदुभिघोष होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सभामण्डप – Sabhaamandapa. Assembly hall, Auditorium. देखें-सभाभवन।
तिक्त रस Pungent flavour, bitter in taste. कडुवा रस या स्वाद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]