स्वेतवाहन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वेतवाहन – Shvetavaahana. A king of Champanagri (a city) who got omniscience. चम्पानगरी का राजा, दीक्षा धारण कर केवलज्ञान प्राप्त किया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वेतवाहन – Shvetavaahana. A king of Champanagri (a city) who got omniscience. चम्पानगरी का राजा, दीक्षा धारण कर केवलज्ञान प्राप्त किया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रासाद- महल, र्इटों और पत्थरों के बने हुए आवासों को प्रासाद कहते है। Prasada- Palace, a palatial building
धृतिक्रिया An auspicious activity (worshipping the Lord for the well growth of the child in womb). गर्भान्वय की 53 क्रियाओं में से चैथी क्रिया; गर्भाधान के सांतवे महीने में गर्भ की वृद्धि के लिए पूजा पाठ एंव गर्भ के बालक को आशीर्वाद देना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेयोविधा – Shreyovidhaa. Name of a treatise written by Acharya Abhayanandi Ji of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण के आचार्य अभयनंदि द्वारा रचित अनेक कृतियों में एक कृति, समय – ई. 930-950 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रारब्ध योगी- शुद्धात्मा भावना के प्रारम्भक और सूक्ष्म सविकल्प अवस्था में सिथत पुरुश। Prarabdha yogi- One engrossed in meditation inabsolutely
धूमकेतु Name of a planet (comet), Name of a demon. ज्योतिषी के 88 ग्रहों में 25 वां ग्रह , कुअवधिज्ञानी एक असुर , जिसका विमान रूक्मिणी के महल पर रूक गया था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतसागर – Shrutasaagara. Name of a saint in the group of Akampanacharya, Name of a Bhattarak of Nandi group, also name of the disciple of Acharya Shri Kunthusagar Maharaj. अकम्पनाचार्य के संघस्थ एक मुनि; इन्होने राजा श्रीधर्मा के मंत्रियो से शास्त्रार्थ कर उन्हें पराजित किया था ” नंदीसंघ बलात्कार गण में भट्टारक विद्यानंदि-2 के…
धारणावरणी कर्म Karmas obscuring the retentive power of knowledge. एक प्रकार का कर्म जो धारणा शक्ति पर आवरण डालता है तथा इसके तीव्र क्षयोपशम से कोष्ठबुद्धिनामक ऋद्धि भी प्रकट होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीषेण – Shreesena. The past-birth (11th) soul of Lord Shaantinaath, Name of the 5th predestined Chakravarti (emperor). शांतिनाथ भगवान के पूर्व भव का 11वां भव, यह मगध देश का राजा था ” आगामी 5वें चक्रवर्ती का नाम “