प्रशम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशम- क्रोधादि कशाय की मंदता; यह सम्यग्दृशिट का एक बाहरी चिन्ह (गुण) है। Prasama- Spiritual calmness
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशम- क्रोधादि कशाय की मंदता; यह सम्यग्दृशिट का एक बाहरी चिन्ह (गुण) है। Prasama- Spiritual calmness
धर्मफल Attainment of all virtuous things (reg. wealth, health, beauty etc.). राज्य, संपदाएं , भोग्य, योग कुल में जन्म, सुरूपता, आयु, आरोग्य आदि की उपलब्धि (धर्म पालन के पुण्य से प्राप्त)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चन्द्रसागर(मुनि) Name of a Digambar Jain saint, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के प्रमुख ७ मुनि शिष्यों में से एक. ये राजस्थान , इंदौर तथा मध्यप्रदेश में सिंहवृत्ति का पालन करने वाले एक कट्टर अगम परम्परा पोषक आचार्यकलाप क एरूप मने प्रसोद्ध हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचनीय- प्रबन्ध पूर्वक जो वचनीय अर्थात व्याख्येय या प्रतिपादनीय होता है। Pravacaniya- Scriptural knowledge which can be preached
धर्मकीर्ति Name of a Bauddha philosopher. एक बौद्ध गुरू ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यक्षज्ञानी- pratyaksajnani Those having either partial perfect knowledge of complete perfect knowledge अवधि एवं मा:पर्ययज्ञानी को देष प्रत्यक्षज्ञानी कहते है एवं केवलज्ञानी को सकल प्रत्यक्षज्ञानी कहते है।
धरणी The earth, Installation, A city in the north of Vijayardh (mountain), The name of the Ganini (chief Aryika) in the Samavasharan of Lord Shreyansnath. पृथिवी, स्थापना, प्रतिष्ठा,विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर, श्रेयांसनाथ भगवान के समवशरण में गणिनी(मुख्य आर्यिका) का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृतसंजीवनी–Mratsanjeevni. A type of super knowledge of mystic words. एक मन्त्र विद्या”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == योनियाँ : == ते ते कर्मत्वगता: पुद्गलकाया: पुनरपि जीवस्य। संजायन्ते देहा: देहान्तरसंक्रमं प्राप्य।। —समणसुत्त : ६५९ इस प्रकार कर्मों के रूप में परिणत वे पुद्गल—पिण्ड देह से देहान्तर को—नवीन शरीर रूप परिवर्तन को—प्राप्त होते रहते हैं। अर्थात् पूर्वबद्ध कर्म के फलरूप में नया शरीर बनता है और नये…