धैवत!
धैवत Voice of horse. स्वर; अश्व के स्वर को धैवत कहते हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धृतव्यास A king of Kuru dynasty. कुरूवंशी राजा शान्तनु का पुत्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगिनी – Bhujangini. One of the super power possessed by Ravan. रावण को प्राप्त अनेक विधाओं में एक विधा “
धूपघट Aromatic & lustrous pots kept in Samavasharan – holy assembly of Lord. समवशरण की नाट्यशालाओं के आगे वीथियों के दोनों ओर धूपधूम्र से युक्त पात्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जयश्री : == सव्वायरेण रक्खह तं पुरिसं जत्थ जयसिरी वसइ। अत्थमियम्मि मियंके तारेहिं न कीरए जोण्हा।। —गाहारयण कोष : ७८० जिस पुरुष में जयश्री निवास करती है, उसका सब प्रकार आदर के साथ रक्षण करो क्योंकि चन्द्र के अस्त होने पर तारों से प्रकाश नहीं होता। सुच्चिय सूरो…
धान्यरस Rice water, cereals juice etc. गेहूँ, सोयाबीन आदि का दूध एंव चावल का माँड आदि को धान्यरस कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदकल्पना – निरपेक्ष – शुद्ध – द्रव्यार्थिक नय –A viewpoint explaining the solitariness in properties (virtues) and its possessor (matter). नय; जिसकी अपेक्षा द्रव्य निज गुण पर्यायों के स्वभाव सेअभित्र है तथा एक स्वभावीहै “
धर्मोपदेशपीयूषवर्षा श्रावकाचार Name of a book. ई. सन् 1518-28 में रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भूषणशाला: Name of a aboding or dwelling place of deities.भवन वासी देवों के भवनों में एक ग्रह का नाम।
धर्मसेन Name of a great Acharya possessing knowledge of 11 Angas & 10 Purvas, Name of a Bhattarak. एक आचार्य ; 11 अंग 10 पूर्व के ज्ञाता 11 महामुनियों में 11 वें मुनि, भट्टारक; सप्त व्यसन चरित्र के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]