परमात्मप्रकाश!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमात्मप्रकाश: A book written by Acharya Yogendudev.ई0श0 6 के उत्तरार्ध में आचार्य योगेन्दुदेव द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमात्मप्रकाश: A book written by Acharya Yogendudev.ई0श0 6 के उत्तरार्ध में आचार्य योगेन्दुदेव द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राक्षस देव – व्यंतर जातीय देवो के 8 भेदो में एक भेद। Raksas (deva)-A type of peripatetic deities
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिमनाष – Himanaasa. Deformation of ice, cause of asceticism of Lord Shitalnath. बर्फ का पिधल जाना (यह तीर्थकर शीतलनाथ की वैराग्य उत्पत्ति का कारण था)।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर भाव:Passionate feelings contrary to the real nature of soul.परचतुष्टय में एक, अनंत ज्ञानदर्शनादि आत्मभवों के अतिरिक्त अन्य सभी राग-द्वेषादि विभाव परभाव है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगदेव – बारस अणुुवेक्खा के रचियता एक अपभ्रंष कवि ई्र ष 15 मध्यपाद, तत्वार्थ सूत्र टीका के रचियता एक भटट्ारक ई सन् 1570 Yogadeva-Name of some great personalities
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हास्य वेदनीय कर्म प्रकृति – Haasya Vedaniya karma Prakrti. The Karmic nature causing laughing or ridiculous feelings. मोहनीय कर्म की प्रकृति। जिस कर्म के उदय से जीव के हास्य निमित्तक या हंसी रुप भाव उत्पन्न होते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राक्षस द्वीप – लवणसागर में विद्यमान द्वीपों के मध्य स्थित एक द्वीप। Raksasa dvipa-name of an island
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हर्ष – Harsa. Happiness, pleasure, name of the predestined 3rd Rudra (saint trainted from the real path). प्रसन्नता, भावीकालीन तीसरा रुद्र।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिदवे (कवि) – Harideva (Kavi). Name of an Apabhransh poet, the writer of ‘Mayanparajaya Cariu’. चंगदेव की सप्तम पीढ़ी मे उत्पन्न, मयणपराजय चरिउ के रचयिता एक सद्गृहस्थ अपभं्रष कवि।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्मिणी – भीश्म राजा की पुत्री, कृश्ण की पटरानी, प्रद्युम्न की मां। अंत में सभी पटरानियों और पुत्रवधुऔ के साथ दीक्षित हुई। Rukmini-The daughter of king Bhishma,The chief wife of Krishna