पक्वाशय!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पक्वाशय: An inner organ of body, abdomen or belly औदारिक शरीर का एक अंग, आमाष और पक्वाषय में 16 आंते रहती है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पक्वाशय: An inner organ of body, abdomen or belly औदारिक शरीर का एक अंग, आमाष और पक्वाषय में 16 आंते रहती है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूक दोष–Muuk Dosh. A fault committed while paying reverence to Lord. वंदना के 32 दोषों में एक दोष; मन–मन में पढना ताकि दूसरा न सुने अतवा अथवा वंदना करते करते बीच–बीच में इशारे करना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अभावशक्ति – Bhava Abhavasakti. A kind of power acquired by the soul. जीव की एक शक्ति, विधमान पर्याय का नाश करने से जीव को भावाभाव कर्त्तृव कहा गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशमभाव-पंचेन्द्रियों के विषयों में शिथिल मन का होना ही प्रशम भाव कहलाता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकीर्णक देव – Prakirnaka Deva. A type of deites (as common citizens). देवों के दश भेदों में से एक; जो देव प्रजा के समान होते हैं “
त्रिगुणसार व्रत A country of Bharat kshetra in middle Arya Khand (region). क्रमशः 1,1,2,3,4,5,4,4,3,2,1 इस प्रकार 30 उपवास करना व णमोकार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदुर – Vidura. The younger brother of Dhritrashtra- Pandu of kaurav dynasty. कौरववंशी धृतराष्ट्र – पाण्ङू का छोटा भाई ” पाण्ङवों के परम हितैषी, अंत में मुनि विश्वकीर्ति से मुनि दिक्षा ली ” लाक्षा ग्रह में विदुर द्वारा बनवाई गई सुरंग से ही निकलकर पाण्ङवों की प्राण रक्षा हुई “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाभिगिरी – Nabhigiri Circular mountain at the center of Haimvata etc. areas भरत एरावत व विदेह छेत्र को छोड़कर शेष हेमवत आदि चार छेत्रों के मध्य भाग में गोल पर्वत ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ज्ञाता : == ण हु सासणभत्ती—मेत्तएण सिद्धंतजाणओ होइ। ण वि जाणओ वि णियमा, पण्णवणाणिच्छिओ णामं।। —सन्मति तर्क् प्रकरण : ३-२६ मात्र आगम की भक्ति के बल पर ही कोई सिद्धान्त का ज्ञाता नहीं हो सकता और हर कोई सिद्धान्त का ज्ञाता भी निश्चित रूप से प्ररूपणा करने के…