सद्गुण :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सद्गुण : == गृहगृह्यो हि सज्जन:। —आदिपुराण : १-३७ सज्जन सदा गुणों को ही ग्रहण करते हैं।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सद्गुण : == गृहगृह्यो हि सज्जन:। —आदिपुराण : १-३७ सज्जन सदा गुणों को ही ग्रहण करते हैं।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भ – Bha. The 24th consonant of the Devanagari syllabary. देवनगरी वर्णमाला का चौबीसवां व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ के साथ जिह्म के स्पर्श से होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याधर लोक – Vidyadhara Loka. World of Vidyadhars (on vijayardh mountain where 4th period of universal time cycle exists all the time). विजयार्य की उत्तर- दक्षिण दीशा की श्रेणी पर विद्याधर नगरियां बनी हुई हैं जिसे विद्याधर लोक कहते हैं ” यहाँ सदैव चौथा काल ही रहता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावाभाव शक्ति – Bhavabhaava Sakti. One of the powers acquired by soul. जीव की एक शक्ति; सत् देवादि पर्याय का नाश करता है, इसलिए उसे भावभाव का (सत् के विनाश का) कर्तृत्व कहा गया है ” वर्तमान में होने वाली पर्याय के व्यय होने रूप शक्ति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव पाहुड – Bhava Pahuda. A book written by Acharya Kund- Kund. आचार्य कुन्दकुन्द (ई. १२७-१७९) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य गुण – Saamaanya Guna. See- Saadhaarana Guna. देखे- साधारण गुण ।
ऋतुविहीन फलोत्पत्ति One of the super-natural happening of Tirthankars (Jaina-Lords), Unseasonal blossoming. तीर्थंकरों के 34 अतिशयों में देवकृत अतिशय-असमय में फूल-फूलों का वृद्धिंगत हो जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परक्रम: Observing austerity sequentially as expounded in the scriptures. आगम में प्रतिपादित क्रम से तप करना, जैसे पहले मूलगुणों का पालन कर उत्तरगुणों को पालना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथु – Prthu. The 15th son of Krishna’ brother (Baldev), Name of kings of Kura & Yadu dynasties, Broad, spa- cious. क्रष्ण के भाई बलदेव का १५ वाँ पुत्र ” कुरुवंशी एवं यदु (यादव) वंशी राजाओं का नाम, चौडा, विस्तृत “