आनत(इन्द्र)!
आनत(इन्द्र) A type of celestial deities. तेरहवें स्वर्ग के इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनत(इन्द्र) A type of celestial deities. तेरहवें स्वर्ग के इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीवत्स – Shreevatsa. A particular type of mark on the chest of meritorious persons, Name of a propounder of Vaishesik literature. तीर्थंकर आदि पुण्यात्माओं का एक शारीरिक लक्षण जो वक्षःस्थल पर होता है ” पार्श्वनाथ चरित्र के अनुसार उनकें नवमें भव पूर्व में पोदनपुर के राजा अरविंद की मुनिअवस्था में उनके वक्षस्थल का श्रीवत्सम…
साधु-जो अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करते हैं, सदा रत्नत्रय के साधन हेतु ध्यान और अध्ययन में लगे रहते हैं, वे साधु परमेष्ठी कहलाते हैं। आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीनों ही दिगम्बर वेषधारी मुनि होते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यदेव – Satyadeva. Name of the 39th chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 39वें गणधर “
इक्ष्वाकुवंश A dynasty originated from Lord Adinath. भगवान आदिनाथ से यह वंश प्रारम्भ हुआ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईर्यासमिति Carefulness in walking. देखें – ईर्यापथशुद्धि यह मुनियों का एक मूलगुण है 5 समितियों में प्रथम समिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्धृत Partial quantity, selected. भाग की हुई राशि निकाला हुआ चयन किया हुआ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान – Sansthaana. The figure of beings etc., An institute. आकृति को संस्थान कहते हैं (जीवों का गोल, त्रिकोण आदि आकार), संस्था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीमंडप भूमि – Shreemandapa Bhoomi. Name of the last land of Samavasharan having great construction with jewels. समवशरण की 8वीं भूमि ” जो चतुर्थ कोट के आगे रत्न स्तम्भों पर आधारित समवशरण की अंतिम भूमि है ” इस भूमि में स्फटिक मणिमय 16 दीवारों से विभाजित 12 कोठे होते है ” इन कोठो में…