तदुभय प्रतिक्रमण!
तदुभय प्रतिक्रमण Both self criticism and repentance done simulta- neously against faults. दोषों को दूर करने के लिए आलोचना और प्रतिक्रमण दोनों एक साथ करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तदुभय प्रतिक्रमण Both self criticism and repentance done simulta- neously against faults. दोषों को दूर करने के लिए आलोचना और प्रतिक्रमण दोनों एक साथ करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षड् रसी व्रत – Sadrasee Vrata. A particular & procedural vow (fasting) pertaining to renouncement of 6 kinds of particular delicacies. उत्कृष्ट 24 वर्ष, मध्यम 12 वर्ष व जघन्य 1 वर्ष में ज्येष्ठ कृ. 1 से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक कृ. 1 को उपवास, 2-15 तक एकाशन, शु. 1 को उपवास, 2-15 तक एकाशन करना…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधनीय- बन्धयोग्य कर्म और नोकर्म स्कन्ध बन्धनीय कहलाते है। Bandhaniya- karmas causing for binding
तनक The 2nd Patal (layer) of the 2nd hell. दूसरे नरक का द्वितीय पटल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट्गुण हानि वृद्धि – Satguna Haani Vriddhi. Finite or infinite increase & decrease in indivisible particles (of 6 kinds). अविभाग प्रतिच्छेदों में हानि वृद्धि का नाम ही षट्गुण हानि वृद्धि है ” ये 6-6 प्रकार की होती है ” (देखे- षड्गुण हानि वृद्धि) “
जयंत(स्वर्ग) Name of a heavenly space craft (aboding place). एक अनुत्तर विमान , यह नव ग्रैवेयक के ऊपर स्थित है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ष – Sa. The 31st consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का इकतीसवाँ व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है “
तत्वविचार Analysis of doctrines of reality (related to matters). कर्मक्षय के निमित्ता रूप पदार्थों का विचार कर वस्तु स्वरूप समझना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्लेष – Shlesa. A union, an association, A figure of speech containing two or more meanings of a word. संयोग, मिलन, वह अलंकार जिसमें दो या अनेक अर्थो वाले शब्द हो अथवा वे अनेक अर्थो में प्रयुक्त हुए हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमचरण चारित्र – Sanyamacarana Caritra. Restraintful pure conduct of saints. चारित्र के 4 भेदों में एक भेद, सकल चारित्र ” मुनियों के व्रत को सकल चारित्र कहते है “