णिक्खोदिम!
णिक्खोदिम A process of digging downward for obtaining some matters or water etc. क्रियाः पुष्करिणी, वापी, कूप, तड़ाग, लयन और सुरंग आदि निष्खनन क्रिया से सिद्ध हुए द्रव्य। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
णिक्खोदिम A process of digging downward for obtaining some matters or water etc. क्रियाः पुष्करिणी, वापी, कूप, तड़ाग, लयन और सुरंग आदि निष्खनन क्रिया से सिद्ध हुए द्रव्य। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्वेषोदय Fruition of Karmas related to anger, malice etc. क्रोधादि द्वेष प्रकृतियों का उदय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छाग A billy-goat, significant symbol of Lord Kunthunath. बकरा; कुंथुनाथ भगवान का चिन्ह ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सवितर्क – Savitarka. Unconscious thought activities in absolute meditation. पृथक्त्वविर्तक एवं एकत्व वितर्क दोनों शुक्लध्यान वितर्क सहित है। विचार करने को वितर्क कहते है।
द्विरद An elephant; The first of the 16 dreams which was seen by the mother of Tirthankar (Jaina-Lord) at the time of Garbhakalyanak. हाथी तीर्थंकर की माता द्वारा गर्भावस्था में देखें गये 16 स्वप्नों में प्रथम स्वप्न।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जंगम-प्रतिमा Body of Digambar Jain saint which is symbolic form of Lord-Arihant. दर्शन ज्ञान करके शुद्ध है आचरण जिन्का ऐसे वीतराग निर्ग्रन्थ साधु की देह उसकी आत्मा से पर होने के कारण जिनमार्ग में जंगम प्रतिमा कही जाती है अथवा ऐसे साधुओं के लिए अपनी और अन्य जीवों की देह जंगम पेरातिमा है , समवशरण…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वासंख्यात – Sarvaasankhyaata. Innumerable (uncountable). घनलोक सर्वासंख्यात है क्योंकि घनरूप से लोक के देखने पर प्रदेषों की गणना की अपेक्षा वे संख्यातीत है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य चर्या –ViryaCarya. See – ViraCarya देखे – वीर्य चर्या
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वसावद्य योग -Sarvasaavadya yoga. Sinful worldly activities. समस्त आरंभ परिग्रह से सहित मन, वचन कायरूप योग । इनकी निवृत्ति सामायिक का लक्षण है।