रूपस्थ ध्यान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपस्थ ध्यान – समवषरण में स्थित अरहंत भगवान का ध्यान करना। Rupastha Dhyana-Deeply engrossment in the form of lord Arihant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपस्थ ध्यान – समवषरण में स्थित अरहंत भगवान का ध्यान करना। Rupastha Dhyana-Deeply engrossment in the form of lord Arihant
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुमिशुध्दि – Bhumishudhi. Act of purification of Lord of Land with religious obser- vances. पूजा – विधान – मंत्र आदि से भूमि शुद्ध करना “
तुगवरक A mountain of Bharat kshetra in Arya khand (region). भरतक्षेत्र आर्य खण्ड का एक पर्वत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एकसंग्रह Acceptance of a devotee. प्रतिचारक मुनियों की स्वीकृति पूर्वक एक आराधक का ग्रहण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकस्थानीय A type of Karmic fruitional bondage. अनुभाग बन्ध का एक नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति घाति – Prakrti Ghati. A type of karmic nature causing destruction of internal virtues. कर्म प्रक्रति का एक भेद; जो अनुजीवी गुणों का घात करती हैं वह घाति कर्म प्रक्रतियां हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेणुमुल –Venumula. Root of bamboo tree. बांस की जड़ ” अनंतनुबंधी माया कषाय का दृष्टांत “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भट्ट अकलंक – Bhatta Akalamka. A famous & great Jainacharya. एक प्रसिध्द जैनाचार्य ” जिन्होंने बौध्द साधुओं को वाद –विवाद में परास्त किया ” इनके द्वारा लिखे गये मुख्य ग्रंथ – तत्त्वार्थ राजवार्तिक, अष्टशती आदि हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवेगा – Manovegaa. Name of a ruling female demigod of Lord Chandraprabhu. तिलोयपण्णत्ति के अनुसार भगवान चंद्रप्रभु की शासन यक्षिणी देवी ” इनका प्रसिद्द नाम ज्वालामालिनी देवी है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव कषाय – Bhava Kasaya. Psychical passion. मन में कषाय होना “