घातायुष्क!
घातायुष्क A type of deities (who are born in lower heavens due to degradation). जो अधिक आयु बांधकर बाड़ में संक्लेश परिणामों के कारण नीचे के स्वर्गों में उत्पन्न होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घातायुष्क A type of deities (who are born in lower heavens due to degradation). जो अधिक आयु बांधकर बाड़ में संक्लेश परिणामों के कारण नीचे के स्वर्गों में उत्पन्न होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रांत:Invalid, Incorrect, Name of the 4th Patal (layer) of the 1st earth. भूला हुआ, कुपथगामी, भूल, प्रथम पृथ्वी का चतुर्थ पटल “
गुणनंदि A disciple of Acharya Jainandi. आचार्य जयनंदि के शिष्य तथा वज्रनंदि के गुरु (ई.४३६-४२)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यशासनपरीक्षा – Satyashaasanaparikshaa. Name of a treatise written by Acharya Vidyanandi. आचार्य विद्यानंदि (ई. 775-840) द्वारा रचित संस्कृत भाषा बद्ध न्यायविषयक ग्रंथ ” इसमें न्याय पूर्वक जिनशासन की स्थापना की गयी है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग:Worldly or sensual enjoyments. भोजन वस्त्रादि पंचेन्द्रिय सम्बंदी विषय भोग पदार्थ कहलाते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल प्रत्यक्ष – Sakala Pratyaksha. The supreme knowledge or omniscience. पारमार्थिक प्रत्यक्ष के दो भेदों में एक भेद; केवलज्ञान सकल प्रत्यक्ष है क्योकिं वह त्रिकाल विषयक समस्त पदार्थों को विषय करने वाला है “
गाय Cow, A type of listener. एक पशु,स्ग्रोता का एक भेद ; जैसे गाय तृण खाकर दूध देती है , वैसे ही जो श्रोतागण थोड़ा उपदेश सुनकर बहुत लाभ लिया करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गार्हपत्य(कुंड) Sacrificial pit of fire. होम करते हुए जो तीर्थंकर की निर्वाण की अग्नि की स्थापना रूप चौकोर कुंद बनाया जता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]