विजयाचार्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयाचार्य – Vijayaachaarya.: An Acharya, the disciple of Baldevsuri. अपरनाम अपराजित ,बलदेवसूरि के शिष्य एक आचार्य ,इन्होनें भगवती आराधना पर विस्तृत संस्कृत टीका लिखी है “समय –शक सं. 658 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयाचार्य – Vijayaachaarya.: An Acharya, the disciple of Baldevsuri. अपरनाम अपराजित ,बलदेवसूरि के शिष्य एक आचार्य ,इन्होनें भगवती आराधना पर विस्तृत संस्कृत टीका लिखी है “समय –शक सं. 658 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदभूत व्यवहार नय – Sadbhuuta Vyavahaara Naya. A standpoint describing something with differentiation in virtues and virtuous one. व्यवहार नय है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयगुप्त – Vijayagupt.: Name of the 31st chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर ऋषभदेव के 31वें गणधर “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] म:The 25th consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का पचीसवाँ व्यंजन इसका उच्चारण स्थान ओष्ट और नासिका है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रौप्याद्रि – चांदी जैसे वर्ण वाला एक विजयार्ध पर्वत। इसका अपरनाम रोप्य षैल है। Raupyadri-name of the Vijayardh mountain having silvery form
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रिया ऋद्धि – Vikriyaa Riddhi.: A kind of supernatural power of transforming body shape. एक प्रकार की ऋद्धि ; जो तपस्या से प्राप्त होती है इसके 8 भेद हैं – अणिमा , महिमा ,गरिमा ,लघिमा ,प्राप्ति,प्राकाम्य ,ईशित्व ,वशित्व “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्राधान्य – Bhava Pradhanya. Presidence of sentiments. आत्माभावों के प्रकरण में भाव लेश्या की प्रधानता होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकलेन्द्रिय- Vikalendriya.: Two-sensed, three-sensed or four-sensed beings (deficient-sensed). दो इन्द्रिय ,तीन इन्द्रिय और चार इन्द्रिय जीवों को विकलेन्द्रिय या विकलत्रय कहते हैं “
द्रोण A weighing unit, A hermitage surrounded by rivers and mountains. तौल का एक प्रमाण (16 द्रोण 1 खारी), नदी और पर्वत से वेष्टित वसती।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]