दर्शन मोह क्षपक!
दर्शन मोह क्षपक Destroyer of right faith deluding Karmas. दर्शन मोहनीय कर्म को नष्ट करने वाला क्षायिक स्म्यग्दृष्टि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन मोह क्षपक Destroyer of right faith deluding Karmas. दर्शन मोहनीय कर्म को नष्ट करने वाला क्षायिक स्म्यग्दृष्टि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नकंबल – रत्नों से बना एक कंबल। उज्जैन की सेठानी यषोभद्रा ने अपने पु़त्र सुकुमाल की पत्नियों के लिए रत्नकंबल खरीदा और पुत्र वधुओं के लिए उसकी जूतिया बनवायी। देंखें – सुकुमाल चरित्र Ratnakambala-Blanket of jewels
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर वर्गणा – Shareera Varganaa. A type of karmic aggregate. 23 प्रकार की वर्गणाओं में एक वर्गणा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर संग्रहाभास :False, conception related to the existence of supreme spirit only.केवल सत् है’ अन्य कुछ नहीं ऐसा कहना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगस्थान – योगषक्ति परिणमन के दर्जे इसके उपपाद एकांतानुवृद्धि परिणामयोग तीन भेद है। Yogasthana-The different grades of activities related to mind, speech & body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लज्जा – षर्म, अंतकरण की वह भावना जिसके कारण दूसरों के सामने वृत्तियां संकुचित हो जाती है। Lajja-Sense of decency or modesty, shame
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शय्या – Shyyaa. Suitable resting place of saints. भक्तप्रत्याख्यान सल्लेखना के 40 अधिकारों में 25 वां अधिकार, आराधक योग्य वसतिका “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धि अक्षर – अक्षर के तीन भेदो मे एक भेद, सूक्ष्म निगोेद लब्ध्यापर्याप्तक से लेकर श्रुत केवली तक जीवो के जितने क्षयोपषम होते है उन सबकी लब्ध्यक्षर संख्या है। Labdhi aksara- Destructional cum subsidential state of karmas of all beings