पार्वतेय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्वतेय – Parvateya. A type of Vidyadhars of Matang caste. मातंग्ड जाति विध्याधरों का एक भेद; हरे रंग के वस्त्रों से तथा नाना प्रकार की माला व् मुकुटों से युक्त “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्वतेय – Parvateya. A type of Vidyadhars of Matang caste. मातंग्ड जाति विध्याधरों का एक भेद; हरे रंग के वस्त्रों से तथा नाना प्रकार की माला व् मुकुटों से युक्त “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमतिदेव – Sumatideva. Name of the great Acharya, the writer of ‘Sanmati Tarak Tika’. मूलसंघ में कुन्दकुन्द आचार्य परम्परा के एक आचार्य सन्मति तर्क टीका ग्रन्थ के रचयिता । समय – ई0 श0 7-8 ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारमार्थिक सुख – Parmarthika Sukha. Supreme enjoyment, spiritual bliss, परम, सर्वोत्कृष्ट एवं यथार्थ आत्मिक सुख “
आराधना सार A book written by ‘Acharya Devsen’. आचार्य देवसेन (वि.990-1012) द्वारा रचित एक चतुर्विध आराधना विषयक ग्रन्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मील–Miil. Mile; A measurement unit of area. क्षेत्र का एक प्रमाण विशेष”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापास्त्रव – Papasrava. Influx of sinful Karmas. देखें- पाप आस्त्रव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यक्षर ज्ञान – पर्याय ज्ञान या सबसे जघन्य श्रुतज्ञान।इसे निरावरण ज्ञान भी कहते है यह सूक्ष्म निगोदिया लब्ध्यप्र्याप्तक जीव के उत्पन्न होने के पहले समय में होता है। Labdhyaksara Jnana-The lowest level of knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाप – Papa. Sinful activities, Moral guilt, Demerit. आत्मा को मलिन करने वाली अशुभ क्रिया; इसके ५ भेद है- हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसम्पन्न ऋशि – सम्यग्दर्षन प्राप्ति का एक निमित लब्धिसम्पन्न ऋशियो का दर्षन। Labdhisampanna Rsi-Super saints, visiting of whom is a cause of right faith
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलादेश – Sakalaadesha. Other name of Sayaggyan (right knowledge). प्रमाण अर्थात् सम्यग्ज्ञान को सकलादेश कहते हैं “