राग प्रत्यय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग प्रत्यय – कर्मोे के आस्त्रव तीन हेतू मोह राग और द्वेश मे से राग का होना। Raga Prataya-One of the passionful causes of influx of karmas
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग प्रत्यय – कर्मोे के आस्त्रव तीन हेतू मोह राग और द्वेश मे से राग का होना। Raga Prataya-One of the passionful causes of influx of karmas
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ बाह्म:Saint, who does not have the quality of differentiating self (Soul) & other.साधु जो भेदज्ञान न होने के कारण परमार्थ बाहय कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेवानदी – मध्यप्रदेश की एक प्रसिद्ध नदी, इसके किनारे सिद्धवर कूट सिद्ध क्षेत्र है। Reva nadi-name of a holy river of madya Pradesha near Siddhvarkut , a place of pilgrimage
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादृष्य प्रत्यभिज्ञान – Saadrsya Pratyabhijnnaana. Resemblance, similarity. स्मृति और प्रत्यक्ष के विषय भूत पदार्थों मे सादृश्यता दिखाते हुए जोड़ रुप ज्ञान का होना। जैसे यह गौ गवय के समान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रैवतक पर्वत – सौराश्ट देष में जूनागढ राज्य का गिरनार पर्वत तीर्थकर नेमिनाथ की निर्वाण भूमि। Raivataka Paravata- Girnar mountain in Saurashtra (Jjunagarh), The salvation land of lord Neminath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सातवीं पृथ्वी – Saataveen Prthivee. The 7th hellish earth. महातमः प्रभा नाम की नरक पृथिवी, यह 8 हजार योजन मोटी है। इस पृथिवी से एक राजु नीचे लोक का अंत है।
देशघाती प्रकृति Destroying configurations (i.e. Karmic nature). जो जीव के स्वाभाविक (अनुजीवी) गुणों का एक देश घात करे, देशघाती कर्म प्रकृतियां 26 हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्याचरण –Viryacarana Conduct according to the capability. सामथ्र्य के अनुसार आचार का पालन करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगचारित– Mragcharit. Unrestrained saints (who make decisions by themselves). जो साधु अकेले ही स्वच्छंद रीती से विहार आदि करते है”
द्रव्याश्रय Attributes related to matters. गुण जो द्रव्य के आश्रय से रहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]