न्यायरत्नाकमाला!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायरत्नाकमाला – Nyaayaratnamaalaa. Name of a book written by Parthsarthi Mishra. मीमांसा दर्शन साहित्य प्रवर्तक पार्थसारथिमिश्र द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायरत्नाकमाला – Nyaayaratnamaalaa. Name of a book written by Parthsarthi Mishra. मीमांसा दर्शन साहित्य प्रवर्तक पार्थसारथिमिश्र द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमान – Vimana. Heavenly space vehicle or palaces of deities, A mark (viman) seen by Lord’s mother in the 13th dream out of 16. देवों के प्रासाद, इनके ३ भेद है – इंद्रक, श्रेणीबध्द, प्रकीर्णक विमान ” आकाशगामी वाहन-इनका उपयोग देव और विधाधर करते है ” तीर्थकर के गर्भावतरण के समय द्वारा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्गित संवर्गित – Vargita Sanvargita. Raising a number to its own power. विरलन –देय से प्राप्त संख्याओं को परस्पर गुणा कर देने से उस संख्या का वर्गित संवर्गित प्राप्त होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भरतेश्वराभ्युदय – Bharatesvarabhyudaya. A book written by Pandit Ashadhara. पं. आशाधर जी (ई. ११७३-१२४३) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाचार प्रदीप–Mulachar Pradeep. Name of a book written by Acharya Sakalkirti. आचार्यसकलकीर्ति (ई. 1424) कृत मुनियों के चारित्र सम्भंदी एक ग्रंथ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरांग चरित्र – Varaanga Charitra.: Name of the books written by Acharya Jatasinhnandi & by Bhattarak Varddhaman. आचार्य जटासिंहनंदी कृत एक काव्य , वर्द्धमान भट्टारक कृत संस्कृत ग्रन्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथ काव्य पंजिका – Parsvanatha Kavya Pamjika. A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई. १५१६-१५५६) द्वारा रचित एक संस्कृत काव्य ग्रन्थ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकुब्जा – Prakubja. Name of the chief Aryika in the assembly of Lord Ajitanath. अजितनाथ भगवान के समवसरण की प्रधान आर्यिका अर्थात् गणिनी का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भरतक्षेत्र – Bharataksetra. Name of a great region. जंबूद्वीप के ७ क्षेत्रों में प्रथम क्षेत्र, इसके ५ म्लेच्छ, १ आर्य ऐसे ६ खंण्ड हैं “