द्रव्यश्रुत!
द्रव्यश्रुत A type of scriptural knowledge, Jinwani. आचारांग आदि बारह अंग, उत्पादपूर्व आदि चैदह पूर्व और सामायिकादि 14 प्रकीर्णकस्वरूप ज्ञान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्यश्रुत A type of scriptural knowledge, Jinwani. आचारांग आदि बारह अंग, उत्पादपूर्व आदि चैदह पूर्व और सामायिकादि 14 प्रकीर्णकस्वरूप ज्ञान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हय राय – Haya Raaya. Destroyed passion, a high breed horse (both are called as auspicious symbols). हय राय शब्द का अर्थ हत राग भी है और उत्तम धोड़ा भी है, इन दोनो को रागद्वेष रहित सरल चित्त होने से लौकिक मंगल कहा गया है।
त्रिगुप्ति A vow (fasting) of 30 days with particular method. मन,वचन, काय की प्रवृत्ति को रोककर वश में रखना, यह संवर का एक कारण है। अनंतनाथ भगवान के पूर्व भव के पिता का नाम । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतग्राही ज्ञान – Bhutagrahi gyaan. Omniscience, great knowledge of the whole past. भूतकाल को जानने वाले श्रुत, अवधि, मन:पर्यय एवं केवल ज्ञान “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंसद्वीप – Hammsadviipa. Name of an island. एक द्वीप। यह लंका द्वीप के समीप था। राक्षवंशी अमररक्ष द्वारा बसाये गये 10 द्वीपो मे 5 वां द्वीप।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परद्रव्य ग्राहक नय: A type of standpoint related to the non existent nature of matters in view of Parchatushtaya.ऐसा नय जिसकी अपेक्षा से परचतुष्टय की अपेक्षा द्रव्य का नास्तित्व स्वभाव है।
द्रव्य मोह Physical delusion. मोह का एक भेद जीव के द्रव्यादि सम्बन्धि मूढ़भाव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थ प्रमाण – Svaartha Pramaana. Authority (Praman) of self knowledge. प्रमाण के दो भेदो मे एक भेद, ज्ञानात्मक प्रमाण को स्वार्थ प्रमाण कहते हैै। श्रुतज्ञान को छोड़कर शेष 4 ंस्वार्थ प्रमाण है परन्तु श्रुतज्ञान स्वार्थ और परार्थ दोनो प्रकार का हैं। वचनात्मक प्रमाण परार्थ प्रमाण कहलाता है।
द्रव्य पर्याय Different forms of matters. द्रव्य के जितने प्रदेश रूप अंश हैं वे सभी द्रव्य पर्याय कहलाते हैं ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]