उपस्थ (इन्द्रिय)!
उपस्थ (इन्द्रिय) Sex organ. जननेन्द्रिय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आदेश प्रारूपणा (बंध-उदय-सत्व) An exposition of bondage, fruition & existence of karmas after investigation. कर्मों के बंध उदय-सत्व का मार्गणा द्वारा विशेष व्याख्यान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तरेप्पन क्रिया वृत Union or association with youngs (which is prohibited in relation to observing celibacy). श्रावक की 53 क्रियाओं के वृत – अष्टमूलगुण , बारह व्रत, बारहि तप, समता भाव, ग्यारह प्रतिमाएं, चार दान, पानी छानकर पीना, रात्रि भोजन त्याग, सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान आसैर सम्यग्चारित्र के वृत । इनकी विधिस ग्रंथों में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष…
तर्क Argument, Inductive reasoning, Logic. उपलब्धि और अनुपलब्धि की सहायता से होने वाला व्याप्तिज्ञान जैसे – धुएँ को देखकर अग्नि का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तपशुद्धि Purity through austerity. सदा संयम, समिति, ध्यान और योगों में प्रमाद रहित होते हुए तपश्चरण तथा तेरह प्रकार के चारित्र में उद्यमी रहने हुए पापों का नाश करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आह्वान Invocation. आमंत्रण बुलाना पूजन के पहले स्थापन में पूज्य की विनय के लिए आह्वान एक विधि है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तदुभय प्रायश्चित्त A type of repentance (related to self criticism). प्रायश्चित्त के 10 भेदों में एक भेद आलोचना और प्रतिक्रमण दोनों का संसर्ग होने पर दोषों का शोधन होने से तदुभय प्रायश्चित्त है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इन्द्रविधिदान क्रिया An auspicious and sacred act (to handover the duties by Indra). 45 वीं गर्भान्वय क्रिया- इस क्रिया में इन्द्र पद को प्राप्त जीव नम्रीभूत देवों को अपने अपने पदों पर नियुक्त करता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तदिंद्रियालोचन Staring at the beauty of a woman ( with some bad intention). 10 प्रकार के अब्रह्म में एक भेद, स्त्रियों के सुन्दर शरीर का अवलोकन करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]