त्रिलक्षणत्व!
त्रिलक्षणत्व Substances having three factors (origination, destruction and continuity). द्रव्य जो उत्पाद , व्यय, ध्रौव्य तीन लक्षणात्मक होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिलक्षणत्व Substances having three factors (origination, destruction and continuity). द्रव्य जो उत्पाद , व्यय, ध्रौव्य तीन लक्षणात्मक होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चांडाल The untouchables, a sinful person (used as a rebuke) pertaining to the obstacle in saint-food. अस्पर्श शुद्र , चाण्डालादि के दिख जान एपर या उसका शब्द कान में पद जाने पर आहार में अन्तराय हो जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समवसरण – Samavasarana. Assembly of Lord Arihant, the place of resonant preaching of Lord Arihant. तीर्थकर की घर्मसभा को समवसरण कहते है। जहां समस्त स्त्री-पुरुष पशु-पक्षी, और देवी-देवता समान भाव से भगवान का उपदेष सुनते है अथवा जहां सभी भव्य जीव तीर्थकर की दिव्यध्वनि के अवसर की प्रतीक्षा करते है वह समवसरण है। सौधर्म…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभनंदि – Shubhanandi. A great saint well-versed in ‘Shat Khandagam’, the spiritual teacher of Bappdev. बप्पदेव के शिक्षा गुरु तथा षटखण्डागम के ज्ञाता, रविनंदि के सहचर ” समय ई.श. 1 “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भण्डार – Bhandara. Place of storage, store. वस्तु संग्रह का स्थान “
तृषा Thirst (controlling thirst is an affliction). प्यास , 22 परीषहों में एक परीषहों में एक परीषह। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घृतवार द्वीप सागर The 6th island and ocean of middle universe. मध्यलोक का छठा द्वीप व सागर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुर -Sura. Ton (of the voice of musical instrument), a tune, A type of deities involved in good deeds. सुरीली ध्वनि, देव, जिनकी अहिंसा आदि के अनुष्ठान में रवि है वे सुर कहलाते है। इनके विपरीत असुर कहलाते है।
तुलसीदास A great personality of India, who wrote Ramayana. रामायण के रचियता (वि. 1680)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चारित्रबाल Restraintless or vowless person. अनुव्रत-महाव्रत आदिरूप चारित्र से रहित प्राणी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]