भाव!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – Bhava. Volition, feeling, thought – activity, Nature of sen-tient and non-sentient matters. जीव के परिणाम, चेतन व अचेतन द्रव्यों के अनेकों स्वभाव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – Bhava. Volition, feeling, thought – activity, Nature of sen-tient and non-sentient matters. जीव के परिणाम, चेतन व अचेतन द्रव्यों के अनेकों स्वभाव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति उदय – Prakrti Udaya. Fruition of Karmic nature. द्रव्य, क्षेत्र, काल व भाव के निमित्तवश कर्मों के फल का प्राप्त होना “
एकत्ववितर्क A type of supreme meditation which occurs in the 12th Gunasthana (spiritual stage). शुक्लध्यान का दूसरा भेद जो 12 वें गुणस्थान में होता है, इस ध्यान से 4 घातिया कर्मो का नाश होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवसेन An Acharya, disciple of Veersen (Dhavalåkar).आचार्य ई. 820-870 मं वीरसेन (धवलाकार) के शिष्य महाधवल सिद्धांत 40,000 श्लोक के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] या Father’s name of the 5th Teerthankar (Jaina-Lord) of Videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित 5 वें तीर्थंकर के पिता का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्षाल – Prakshal. Anointement of Lord’s idol and wiping it with dry cioth. जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा का अभिषेक करना एवं कपडे से पोछना प्रक्षाल कहलाता है “
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कुशिष्य : == देंतोच्चिय उवएसं हवइ कयत्थो गुरु सुसीसाणं। विवरीयाण निरत्थो दिणयरतेओ व्व उलुयाणं।। —पउमचरिउ : ५०५ सुशिष्यों को उपदेश देने पर गुरु कृतार्थ होता है, किन्तु जिस तरह उल्लू के लिए सूर्य निरर्थक होता है, उसी तरह विपरीत अर्थात् कुशिष्यों को उपदेश देने पर वह निरर्थक हो जाता है।…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैसाख –Vaisakha A Hindi lunar month, The son of king Vishakh, ultimately who got salvation. १२ महीनों में से एक हिंदी महीने का नाम, राजा विशाख का पुत्र ” सात दिन की नव विवाहित पत्नी को छोड़कर मित्र मुनिद्त्त मुनि को आहार दान दे दीक्षा ले ली ” अंत में मोक्ष पधारे…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचलब्धि – Panchalabdhi. Five kinds of auspicious attainments. क्षयोपशम, विशुद्धि, देशना, प्रायोग्य और कारण यें पांच लाब्धियाँ है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिसंघ – Namdisamgha A group of Digambara jain Saints. दिगम्बर जैन साधुओं का एक संघ ”