भ्रांत!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रांत:Invalid, Incorrect, Name of the 4th Patal (layer) of the 1st earth. भूला हुआ, कुपथगामी, भूल, प्रथम पृथ्वी का चतुर्थ पटल “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रांत:Invalid, Incorrect, Name of the 4th Patal (layer) of the 1st earth. भूला हुआ, कुपथगामी, भूल, प्रथम पृथ्वी का चतुर्थ पटल “
गुणनंदि A disciple of Acharya Jainandi. आचार्य जयनंदि के शिष्य तथा वज्रनंदि के गुरु (ई.४३६-४२)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग:Worldly or sensual enjoyments. भोजन वस्त्रादि पंचेन्द्रिय सम्बंदी विषय भोग पदार्थ कहलाते है “
गाय Cow, A type of listener. एक पशु,स्ग्रोता का एक भेद ; जैसे गाय तृण खाकर दूध देती है , वैसे ही जो श्रोतागण थोड़ा उपदेश सुनकर बहुत लाभ लिया करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गार्हपत्य(कुंड) Sacrificial pit of fire. होम करते हुए जो तीर्थंकर की निर्वाण की अग्नि की स्थापना रूप चौकोर कुंद बनाया जता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यद्र्छा–Yadrachha. According to one’s own wish. अपनी इस्छा के अनुसार बिना विचारे”
गिरनार(तीर्थ) Name of a place of pilgrimage, from where Lord Neminath got salvation. It is situated in Gujarat state. गुजरात प्रांत में स्थित भगवान नेमिनाथ की निर्वाणभूमि के नाम से प्रसिद्ध एक तीर्थ . जूनागढ़ में राहुल को ब्याहने हेतु बारात लेकर आये नेमिनाथ को पशु बंधन देखकर वैराग्य हो गया था, अतः उन्होंने वहाँ…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव शक्ति – Vibhava Sakti. The power causing karmic binding with soul. जीव और कर्मों में परस्पर बंध को कराने वाली चुम्बक द्वारा खिंचने वाली लोहे की सुई के समान विभाव नाम की शक्ति ” वह जीव के ज्ञानादि भावों के विकार का कारण होती है “