संधानक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संधानक – Sandhaanaka. See- Sandhaana. देखें – संधान “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरक्षा – Svaraksaa. To have right or pure conduct, self defence. शुद्व भाव रखना ही स्वरक्षा अर्थात् आत्मरक्षा है, अहिंसा का सिद्वान्त स्वात्म रक्षा के लिये ही है।
त्रुअित A time unit. काल का एक प्रमाण, 64 लाख त्रुटितांग प्रमाण काल। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृतिवाद – Prakrtivada. A sankhya philosophy of naturalism. एक सांख्य दर्शन “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभू (कवि) – Svatannbgyy (Kavi). Name of a great ancient poet. अपभं्रष के प्रथम कवि। कृतियाॅ-पउम चरिउ, रिट्ठणेति चरिउ, स्वयंभू छंद, स्वयभू व्याकरण, पंचमि चरिउ, हरिवंश पुराण। समय ई0 734-840।
चतुर्दश नदी Fourteen rivers of Jambudvip (an island). जम्बूद्वीप की १४ महानदियाँ ; गंगा , सिंधु , रोहित , रोहितास्या , हरित , हरिकान्ता , सीता , सीतोदा , नारी , नरकाँटा , सुवर्णकूला , रूप्यकूला , रक्ता , रक्तोदा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृग–Mrag. A deer, a significant symbol of Lord Shantinath. हिरण; सोलहवे तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान् का चिन्ह”
चतुरंक Infinite increase. असंख्यातभाग वृद्धि की चतुरंक संज्ञा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनमि – Vinami. Name of the 78th chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान वृषभदेव के ७८वें गणधर ” महाकच्छ के पुत्र “
त्रिलोकासार टीका A commentary book written by Acharya Madhava Chandra. आचार्य माधवचन्द्र त्रैविद्य कृत त्रिलोक ग्रंथ की टीका। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]