देश चारित्र!
देश चारित्र A conduct of householder at the 5th stage of spiritual development. विकल चारित्र, श्रावक का पांचवे गुणस्थान का आवरण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देश चारित्र A conduct of householder at the 5th stage of spiritual development. विकल चारित्र, श्रावक का पांचवे गुणस्थान का आवरण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्राण – Bahya Prana. All valuable articles to be very dear to a person. लोक में स्वर्ण, धन आदि जितने भी पदार्थ हैं वे सब प्राणियों को अत्यंत प्रिय होने के कारण बाह्य प्राण कहलाते हैं “
तोता Parrot, Shap of the Viman of ‘Shukra’ Indra. एक पक्षी, शुक्र इन्द्र के विमान का आकार जिस पर बैठकर इन्द्र नंदीश्वर द्वीप की वंन्दना को जाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यत्व भाव – Bhvyatva Bhava. Worthy feeling for salvation. जीव के पारिणामिक भाव का एक भेद ” देखें – भव्यत्व “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न (सत्य-असत्य) – Svapna (Satya-Asatya). Right & False dreams.स्वस्थ अवस्था मे दिखने वाले तथा दैव से उत्पन्न होने वाले स्वप्न सत्य होते है एवं अस्वस्थ अवस्था मे तथा दोष से उत्पन्न होने वाले स्वप्न असत्य होते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अनंत – Bhava Ananta. To have knowledge of scriptures and involve-ment in it. अनन्त विषयक शास्त्र को जानना एवं वर्तमान में उसके उपयोग से उपयुक्त होना अथवा त्रिकाल जात अनंत पर्यायों से परिणत होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वद्रव्य – Svadravya. The soul.आत्मद्रव्य अर्थात् अविनाशी, विकार रहित केवलज्ञानमयी आत्मा स्वद्रव्य है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धिदेवी – Buddhidevi. Name of a ruling female deity of Mahapundarik Hrid (like lake ) and Buddhikuta (summit ). बुद्धिकूट की स्वामिनी देवी; महापुण्ङरिक ह्र्द की दिक्कुमारी देवी जो तीर्थकर की माता की सेवा के लिए आती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छंद – Svacchammda. Self-willed, unrestrained.अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने वाला।