ब्रह्मदत्त!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मदत्त – Brahmadatta. Name of the 12th Chakravarti. १२ वें चक्रवतीं का नाम, जो मरकर ७ वें नरक गये “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मदत्त – Brahmadatta. Name of the 12th Chakravarti. १२ वें चक्रवतीं का नाम, जो मरकर ७ वें नरक गये “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिगज श्रुतज्ञान – अनक्षरात्मक श्रुतज्ञान, चिन्ह से उत्पन्न होने वाला श्रुतज्ञान। Limgaja Srutajnana-A kind of symbolic knowledge pertaining to Shrutgyan (scriptural knowledge), Unsyllabic knowledge
आहारक काय योग Vibration in soul-points while translocation of Aharak Sharir. आहारक शरीर के काम करते हुए जो आत्मा के प्रदेश सकंप होते हैं उसे आहारक काय योग कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रहस्पति – Brhaspati. Name of a planet , A day of a week , The pre-ceptor of deities. एक ग्रह का नाम ” सप्ताह के एक दिन (वार ) का नाम, काव्य में कवियों ने ब्रहस्पति को देवों का गुरु कहा हैं जैसे – कस्ते क्षम: सुरगुरुप्रतिमोपि बुद्ध्या’ , जबकि तिलोंयपणत्ति आदि…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाघव – लघुता, हल्कापन षरीर का भारीपन नश्ट होना। तपष्चरण से षरीर में ये गुण प्राप्त होता है जिसे लघिमा ऋद्धि कहते है। Laghava-Lightness, minuteness
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकल्प – Nirvikalpa. Free from all confusions, fixed, setteld. विकल्पों से रहित “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसारभीरु – Sansaarabheeru. One aware & frightened of worldly troubles. सम्यग्दृष्टि जीव जो संसार के दुःखों से भयभीत होकर वैराग्य को स्वीकार करते हैं “
आर्यासूत्र The Sutras in Aryachhand of Kashay Pahud. आर्या छन्द में निषद्ध कषाय पाहुड़ के गाथा सूत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाण भूमि – Nirvaana Bhumi. Holy place of salvation. सिद्धक्षेत्र; जहाँ से तीर्थंकर व सामान्य केवली मोक्ष गए हों” जैसे – कैलाशपर्वत, सम्मेदशिखर जी, चम्पापुर, गिरनार, पावापुरी इत्यादी “
दीर्घदंत Name of a predestined Chakravarti. भविष्यकालीन द्वितीय चक्रवर्ती ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]