राजर्षी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजर्षी – ऋशि का एक भेद – विक्रिया और अक्षीण षक्ति के धारक साधु। Rajasrsi- A type of saints possessing super powers
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजर्षी – ऋशि का एक भेद – विक्रिया और अक्षीण षक्ति के धारक साधु। Rajasrsi- A type of saints possessing super powers
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साता वेदनीय – Saata Vedaneeya. Pleasure giving karmas. वेदनीय कर्म के दो भेदो मे एक भेद। जिस कर्म के उदय से जीव को इन्द्रिय और मन सम्बन्धी सुख की प्राप्ति होती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरलन – Viralana. Destribution or spreading of numbers in the form of 1. किसी संख्या को एक –एक करके फैलाना “
तीर्थंकर भक्ति Name of a book written by Acharya Samant-bhadra. आचार्य समंतभद्र (ई. 120-185) ककृत स्तुति विद्या भक्ति स्तोत्र, अपरनाम जिनशतक। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोटतीज व्रत – त्रिलोक तीजव्रत भादो सुदी तीज के दिन विषेश विधि से किया जाने वाला व्रत जिसमें रोट बनाकर भगवान के सम्मुख चढाया जाता है। Rotatija Vrata-A type of vow or fasting
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकीर्णक – Prakirnaka. Another name of Angabahyashrut, part of shrutgyan (scriptural knowledge), Scattered heavenly abodes and dwelling places of hell are called Prakirnak. अंगबाहाश्रुत का अपरनाम – इनके १४ भेद हैं, स्वर्ग में बिखरे हुए विमान एवं नरकों में बिखरे हुए बिल “
ऊह Elimination, Reasoning, Inductive reasoning.तर्क के द्वारा पदार्थ के स्वरूप का जानना यह श्रोता के 8 गुणों में से एक है।[[श्रेणी:शब्दकोष]] या A time unit, Inductive reasoning. काल का एक प्रमाण 84 लाख ऊहांग प्रमाण काल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तीस चैबीसी व्रत A type of vows to be observed for particular 720 days in the reverence of 720 Tirthankars (Jaina-Lords) of past, present & future time related to five Bharat & five Eravat Kshetra. ढाई द्वीप संबधी पांच भरत एवं पांच ऐरावत क्षेत्र के वर्तमान भूत, भविष्यत्काल संबंधी 24-24 तीर्थंकरों के कुल 720 तीर्थकरों…
उराल Liberal, Bulky, Noble . उदार, स्थूल, महान, उराल ये शब्द एकार्थवाची है, औदारिक शरीर को अवगाहना की अपेक्षा उराल कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हैरण्यवत् (क्षेत्र) – Hairanyavat (Ksetra). Name of the 6th region in all the 7 regions of Jambudvip (island). जम्बूद्वीप के 7 क्षेत्रों मे छठा क्षेत्र। यहाॅ जधन्य भोगभूमि है।