गति :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == गति : == नीचैर्वृत्तिरधर्मेण धर्मेणोच्चै: स्थितिं भजेत्। तस्मादुच्चै: पदंं वांछन् नरो धर्मपरो भवेत्।। —आदिपुराण : १०-११९ अधर्म से मनुष्य की अधोगति होती है और धर्म से ऊध्र्वगति (ऊँची गति)। अत: जीवन में ऊध्र्वगति चाहने वाले को धर्म का आचरण करना चाहिए।