स्वरकीर्ति!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरकीर्ति – Svarakiirti. Name of a Bhattarak of Nandi group. न्ंदिसंध बलात्कार गण की भट्ठारक, आम्नाय वारां की गट्ठी के भट्ठारक (समय वि.सं. 1167), अपरनाम सूरकीर्ति। ये भावनंदि के शिष्य तथा विद्याचन्द्र के गुरु थे।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरकीर्ति – Svarakiirti. Name of a Bhattarak of Nandi group. न्ंदिसंध बलात्कार गण की भट्ठारक, आम्नाय वारां की गट्ठी के भट्ठारक (समय वि.सं. 1167), अपरनाम सूरकीर्ति। ये भावनंदि के शिष्य तथा विद्याचन्द्र के गुरु थे।
तर्क संग्रह A book written by Shivaditya. वैषेषिक साहित्य प्रवर्तक शिवदित्य का एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतिणाहचरिउ – Santinaahacariu. Name of a treatise written by Subhkirti Bhattarak. शुभकीर्ति भट्टारक (ई. 1437) कृत अपभ्रंश भाषाबद्ध ग्रंथ “
एलाचार्य भट्टारक A writer of ‘Jvalamalinikalpa’. ज्वालामालिनीकल्प के रचियता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तरेप्पन क्रिया वृत Union or association with youngs (which is prohibited in relation to observing celibacy). श्रावक की 53 क्रियाओं के वृत – अष्टमूलगुण , बारह व्रत, बारहि तप, समता भाव, ग्यारह प्रतिमाएं, चार दान, पानी छानकर पीना, रात्रि भोजन त्याग, सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान आसैर सम्यग्चारित्र के वृत । इनकी विधिस ग्रंथों में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावग्रह – Bhavagraha. Name of a planet. ८८ ग्रहों में ८३ वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव दर्शन – Svabhaava Darssana. Self revealing perception. जो इन्द्रिय रहित और असहाय केवलज्ञान है वह स्वभाव दर्षन है।
तर्क Argument, Inductive reasoning, Logic. उपलब्धि और अनुपलब्धि की सहायता से होने वाला व्याप्तिज्ञान जैसे – धुएँ को देखकर अग्नि का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जम्बूद्वीप- तीनों लोकों में मध्यलोक के अंदर असंख्यात द्वीप- समुद्रों में प्रथम द्वीप का नाम है – जम्बूद्वीप प्राचीन शास्त्रों में कही गई यह रचना हस्तिनापुर में पू० ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सन् १९८५ में निर्मित हुई है । उसके दर्शन करने दुनिया भर से लोग हस्तिनापुर आते हैं । अथवा मध्यलोक का प्रथम…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्रत्यय उत्पाद – Svapratyaya Utpaada. Self origination caused due to increase & decrease in the property of non-gravity-levity.आत्मा मे अगुरुलधु गुणो की वृद्वि और हानि के निमित से होने वाला उत्पाद स्वप्रत्यय उत्पाद है।