चंड!
चंड A great writer, A king of Rakshasa descendant. ई.पू,३ का एक प्राकृत विद्वान् जिन्होंने प्राकृत लक्षण नाम का एक प्राकृत व्याकरण लिखा, राक्षस वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंड A great writer, A king of Rakshasa descendant. ई.पू,३ का एक प्राकृत विद्वान् जिन्होंने प्राकृत लक्षण नाम का एक प्राकृत व्याकरण लिखा, राक्षस वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार नाटक टीका – Samayasaara Naataka Teekaa. Name of a commentary book written by Pandit Sadasukh. पं. सदासुख (ई. 1795-1867) कृत समयसार नाटक पर लिखी गई टीका।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयोगगति – Sanyogagati. Motion with support (like motion of chariot by elephant etc). मेघ, रथ, मूसल, आदि की क्रमशः वायु, हाथी तथा हाथ के संयोग से होने वाली गति “
देशी नाममाला A Sanskrit dictionary. एक संस्कृत शब्द कोश।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसर्जन –Visarjana. Completion, Sending deities back with respect. समापन, पूजा के ५ अंगों में एक अंग, जो पूजा की समाप्ति पर किया जाता है ” इसमें आगन्तुक देवों को आदरपूर्वक अपने-अपने स्थानों पर जाने के लिए प्रार्थना की जाती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छिम तिर्यंच – Sammoorchchhima Tiryancha. Animals & planets etc. those caused birth by spontaneous generation (not by womb). गर्भ जन्म के अतिरिक्त संमूर्च्छिम जन्म से उत्पन्न होने वाले तिर्यंच “
घनान्गुल Cubic finger. अंगुल के घन को घनान्गुल कहते हैं, जिसमें लम्बाई , चौड़ाई एवं मोटाई विवक्षित रहती हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार (टीका) – Samayasaara (Teekaa). The commentary books on samayasar treatise written by 1. Acharya Amritchandra 2. Acharya Jaisen etc. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. 905-955) द्वारा कृत आत्मख्याति संस्कृत टीका, आचार्य जयसेन (ई. श. 12-13) द्वारा कृत तात्पर्यवृत्ति संस्कृत टीका, पं. जयचंद छाबड़ा (ई. 1807) कृत आत्मख्याति वचनिका हिन्दी टीका, आचार्य श्री ज्ञानसागर (आचार्य श्री…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छन मनुष्य – Sammoorchchhana Manushya. Human beings caused birth by spontaneous generation (not by womb). वीर्य, नाक का मल, कफ, कान, दांतों का मल और अत्यंत अपवित्र अंगों में जो जीव तत्काल उत्पन्न होते हैं एवं जिनका शरीर अंगुल के असंख्यात भाग का रहता है और जन्म लेने के बाद ये शीघ्र नष्ट होते…
चामुंडराय पुराण A book written by ‘Chamundaray’. ई. ९७८ में लिखित चामुंडराय की एक कृति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]