वसुपूज्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुपूज्य – Vasupoojya. Father’s name of Lord Vasupujya. तीर्थंकर वासुपूज्य के पिता “चम्पानागरी के राजा ,जयावती इनकी रानी थी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुपूज्य – Vasupoojya. Father’s name of Lord Vasupujya. तीर्थंकर वासुपूज्य के पिता “चम्पानागरी के राजा ,जयावती इनकी रानी थी “
उभयमोहिनी Bilateral delusive passion . अनंतानुबंधी कषाय जो दर्शन और चारित्र दोनों में मोह उत्पन्न करने वाली होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तोलामुलितेवर Name of an Acharya (writer of ‘Chulamani’). ई.श.7 से पूर्व के एक आचार्य जिन्होंने चूलामणि नामक ग्रंथ की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वशीकरण – Vashikaran.: Empowerment, Enchantment,A mystical power. एक मंत्र , एक विद्या “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्य मंगल–Mukhya Mangal. Eulogical hymn of Lord Jinendra for auspiciousness. ज्ञानियो द्वारा शास्त्र के आदि; मध्य व अन्त में विघ्न निवारण के लिए किया जाने वाला जिनेन्द्र देव का गुणस्तवन”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्ष दशक – Varsh dashak .: A time period of 10 years. काल का एक प्रमाण विशेष ” दस वर्ष का समय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचधारणा – Panchadhaarana. Five kinds of conceptional theories. पिण्डस्थ ध्यान की पांच धारणाएँ – पार्थिवी, आग्नेयी, श्वसना, वारुणी और तत्त्वरूपवती धारणा “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनि प्रायश्चित (शास्त्र)–Muni Prayshchit (Shastra). Name of a treatise written by Acharya Indranandi. आचार्य इन्द्रनंदी (ई.श.10–11) की एक रचना; जिसमे साधुओ के दोषों व शक्ति के अनुसार प्रायश्चित देने की विधि का वर्णन है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्णलाभ क्रिया – Varnalaabha Kriyaa.: A social tradition of seperation from the family with the permission of parents after marriage of one,An auspicious activity of pursuastion of one’s righteousness. गर्भान्वय की 18वीं क्रिया ;इसमें विवाह के बाद पिता की आज्ञा से धन – धान्य आदि संपदा प्राप्त करके पृथक मकान में रहने की व्यवस्था…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच उदय काल – Pancha Udaya Kaala. Five kinds of time periods related to the fruition of Karmas. कार्मण काल, मिश्र शरीर काल, शरीर पर्याप्त काल, उच्छवास काल और भाषा काल ये पंच उदय काल कहलाते है”