विजिष्णु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिष्णु – Vijishnu.: One of the 88 planets(71th). ज्योतिष के 88 ग्रहों में 71वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिष्णु – Vijishnu.: One of the 88 planets(71th). ज्योतिष के 88 ग्रहों में 71वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंडल: Sphere, zone, region. प्राणायाम सम्बन्धी अग्रि मंडल, आकाश मंडल, जनपद आदि “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सुख : == जं च कामसुहं लोए जं च दिव्वं महासुहं। वीतरागसुहस्सेदे णंतभागं पि णग्घई।। —मूलाचार : १४४ लोक में काम—भोगों से मिलने वाला सुख और देवों को मिलने वाला महासुख उस सुख का अनंतवाँ हिस्सा भी नहीं, जो वीतराग को प्राप्त हुआ करता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयदेव- Vijayadeva.: Name of a peripatetic deity resident of Vijaydvar of Jambudvip (island) in east direction. जम्बूद्वीप के पूर्व दिशा के मुख्य द्वार (विजयद्वार) का निवासी व्यंतर देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदभाव – Sadbhaava. Good or virtous disposition or good feelings. अच्छा भाव, मैत्री, मेलजोल।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रबाहुचरित – Bhadrabahucarita. A book written by Acharya Ratnakirti. आचार्य रत्नकीर्ति (ई. १५१५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विचारणा – Vichaaranaa.: Investigation,Consideration,Exploration. ईहा,ऊहा-पोह, मीमांसा,परीक्षण या सोच विचार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतानंद – Bhutananda. A type of Nagkumar Indras (celestial deities). नागकुमार भवनवासी देवों का एक इंद्र “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखधन – Mukhdhan. Something principal. आदि स्थान में जो प्रमाण या संख्या है वह मुखधन कहलाती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रमप्रबंध टीका – Vikramaprabandha Tikaa.: Name of a commentary book written by Acharya Shrutsagar. आचार्य श्रुतज्ञान द्वारा रचित ग्रन्थ “समय –ई.सन 1473-1533 “