एकान्त मिथ्यात्व!
एकान्त मिथ्यात्व One sided illusion, See – Ekå´ta. अनेक धर्म या स्वभाव वाले पदार्थ में एक ही धर्म को मानना। देखें एकांत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकान्त मिथ्यात्व One sided illusion, See – Ekå´ta. अनेक धर्म या स्वभाव वाले पदार्थ में एक ही धर्म को मानना। देखें एकांत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वार्तिक – Vaartika.: Exposition or commentary of any matter. सूत्रों के अर्थ को विशेष रूप से समझाने हेतु जो टीका की जाती है उसे वार्तिक कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावमल – Bhavamala. Inauspicious results of one. अज्ञान, अदर्शन इत्यादिक जीव के परिणाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्न दश पूर्वी – Bhinna Dash Purvi. One who gets involved in acquiring great knowl-edge. दशमपूर्व विधानुवाद के समाप्त होने पर ७०० क्षुद्र एवं ५०० महाविधाओं के लाभ को जो प्राप्त होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्य – Shuddhadravya The pure substances (Dharma- medium of motion, Adharma- medium of rest, Akash –sky & Kaltime). 6 द्रव्यों में धर्म, अधर्म, आकाश, कालशुद्ध द्रव्य हैं इनमें कभी विभाव परिणमन नहीं होता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनरलङ्कृत – Punaralankrta. Re- embellished. पुनः सुशोभित किया हुआ या सजाया हुआ “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शत्रु : == एक: आत्माऽजित: शत्रु:, कषाया इन्द्रियाणि च। तन् जित्वा यथान्यायं, विहराम्यहं मुने।। —समणसुत्त : १२४ अविजित एक अपना आत्मा ही शत्रु है। अविजित कषाय और इन्द्रियां ही शत्रु हैं। हे मुने ! मैं उन्हें जीतकर यथान्याय (धर्मानुसार) विचरण करता हूँ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल द्रव्य विशेष गुण – Pudgala Dravya Visesa Guna. Particular properties of the matter (Pudgal). स्पर्श, रस, गंध, वर्ण, मुर्तत्व, अचेतनत्व ये ६ गुण पुद्गल द्रव्य के विशेष गुण हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांगलावर्त – पूर्व विदेह का एक क्षेत्र पूर्व विदेहस्थ नलिन वक्षार का एक कूट एवे रक्षक देव। Lamgalavarta-Name of a region of eastern videh (region) name of a summit and a protecting deity of Nalin Vakshar (mountain) of eastern videh (region)