द्रोणामुख!
द्रोणामुख Port; docks. बंदरगाह; जलयानों के ठहरने का स्थान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रोणामुख Port; docks. बंदरगाह; जलयानों के ठहरने का स्थान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिपदधर तीर्थंकर Jaina Lords possessing three great titles (Tirthankar Shantinath, Kumthunath and Aranath). शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरनाथ, तीर्थंकर, ये तीनों कामदेव, चक्रवर्ती एंव तीर्थंकर तीन पदधारी थे। इनका जन्म हस्तिनापुर में हुआ था। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्यांश Parts of a matter. द्रव्य का एक भाग उत्पाद व्यय घ्रौव्य रूप परिवर्तन पूरे द्रव्य में होता है किसी एक अंश में नहीं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर पर्याप्ति काल – Sharera Paryaaypti Kaala. Period of the formation of respiratory vitality in the body. शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने पर जब तक श्वासोच्छवास पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक का काल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परविवाहकरण :An infraction of vow of celibracy.ब्रहमचर्याणुव्रत का एक अतिचार, अपने कुटुम्ब के सिवाय अन्यों का विवाह करना,कराना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाष्य सूक्ति – Bhasya Sukti. Name of a treatise written by jagadish Bhattacharya. वैशेषिक दर्शन सूत्र पर लिखी जगदीश भट्टाचार्य कृत एक व्रत्ति का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परवश अतिचार:A type of infraction, acceptance of abandoned material due to somje external fear.अतिचार का एक भेद;उन्माद, पित , पिशाच, आदि अथवा अन्य लोगों के वश होकर त्याग किये हुए पदार्थें को ग्रहण करना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञगुप्त –Yagyagupta. Name of the 49th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर ऋषभदेव के 49वें गणधर का नाम”
द्रव्य बंध Physical binding, Physical bondage. योग और कषायों के निमित्त से कर्म वर्गणाओं का आत्मा के प्रदेशों के साथ परस्पर मिल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]