चूलितांग!
चूलितांग A time unit. काल का एक प्रमाण , ८४ लाख प्रयुत प्रमाण काल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चूलितांग A time unit. काल का एक प्रमाण , ८४ लाख प्रयुत प्रमाण काल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्प – Sarpa. A snake a serpent, a significant symbol of lord Parshvanath, The presiding deity of a lunar Ashlesha. भगवान पाश्र्वनाथ का चिन्ह, सातवें नक्षत्र आश्लेषा का अधिपति देवता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमलब्धि – स्थान – Sanyamalabdhi – Sthana. The stage for the attainment of restraints. जिस अवस्था विशेष में संयम लब्धि ठहरती हैं “
चित्सुखाचार्य Name of a promoter of Vedant literature. वेदान्त स्दाहित्य प्रवर्तक (ई. १२५०) जिन्होंने ‘चित्सुखी’ नामक ग्रन्थ रचा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरल – Sarala. Simple, easy, straight, honest, name of the initiation tree of Lord Abhinandannath. सीधा, ईमानदार, तीर्थकर अभिनंदन नाथ का दीक्षा वृक्ष, (अपरनाम असन वृक्ष)।
त्रसनाड़ी A channel or tunnel of mobile beings. लोक के बहु मध्य में एक राजु लम्बा और कुछ कम तेरह राजु ऊंचा बस जीवों का निवास क्षेत्र । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चारित्रभूषण Name of an Acharya, spiritual teacher of Acharya Vidyanandi. इनके मुख से ही देवागम स्तोत्र का पाठ सुन्कर्श्री विद्यानंदि आचार्य जिन दीक्षित हो गए थे . समय -ई. ७५०-८१५ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्फटिक – Spatika. A crystal, quartz, name of the 18th indrak of saudharma heaven, a summit of Gandhmdan Vijayardh mountain, the summit of Manushottar & Ruchak mountains.एक प्रकार की कांच के समान पास्दर्शी मणि, सौधर्म स्वर्ग का 18वां इन्द्रक, गंधमादन विजयार्ध का एक कूट, मानुषोत्तर पर्वतस्थ व रुचक पर्वतस्थ एक-एक कूट।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कर्म-मुक्ति : == पक्के फलम्हि पडिए, जह ण फलं बज्झए पुणो विंटे। जीवस्स कम्मभावे, पडिए ण पुणोदयमुवेइ।। —समयसार : १६८ जिस प्रकार पका हुआ फल गिर जाने के बाद पुन: वृन्त से नहीं लग सकता, उसी प्रकार कर्म भी आत्मा से विमुक्त होने के बाद पुन: आत्मा (वीतराग) को…
च्यावित शरीर Cast off body. कदलीघात के द्वारा आयु के छिनना हो जाने से छूटे हुए शरीर को च्यावित शरीर कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]