शुद्ध चारित्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध चारित्र – Suddha Chaaritra. Absolute right conduct.निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” वीतराग चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध चारित्र – Suddha Chaaritra. Absolute right conduct.निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” वीतराग चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलाणु – Pudgalanu. Indivisible particles of the matter. पुद्गल द्रव्य के दो भेदों में एक भेद; अविभागी एक प्रदेशी पुद्गल द्रव्य को अणु कहते हैं “
उद्वेलनसंक्रमण Transition of karmic nature. उद्वेलन 13 प्रकृतियों में किसी एक के परमाणुओं को उद्वेलन भागहार का भाग देकर एक भाग मात्र परमाणुओं को अन्य प्रकृतिरूप परिणमन करा देना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संतोष : == देिंवदचक्कवट्टित्तणाई रज्जाइ उत्तमा भोगा। पत्ता अणंतखुत्तो, न य हं तित्तिं गओ तेहिं।। —इन्द्रिय पराजय शतक : १६ देवपन, इन्द्रपन, चक्रवर्तीपन और राज्य आदि के उत्तम भोगों को मैंने अनंत बार पाया है, परन्तु अभी तक मैंने इनसे लेशमात्र भी तृप्ति नहीं पाई है। सव्वग्गंवथविमुक्को, सीईभूओ…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल द्रव्य पर्याय – Pudgala Dravya Paryaya. Different states (forms) of matters. पुद्गल द्रव्य की सूक्ष्म, स्कंध आदि अवस्थायें “
इतिवृत्त Synonym of Itihas (history). इतिहास का पर्यायवाची है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामन – Vaamana.: Name of a guardian deity of an auspicious canopy. प्रतिष्ठा मंडप के 10 द्वारपलों में एक द्वारपाल देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यजीव – Punyajiva. Beings having auspicious & noble results of Karmas. सम्यक्त्व, श्रुतज्ञान, व्रतरूप परिणाम तथा कषाय निग्रहरूप गुणों से परिणत आत्मा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक व्रक्ष – Prthivikayika Vrksa. A type of earth bodied trees related to existing imaginary life. जम्बू, शाल्मली आदि अकृत्रिम वृक्ष एंव पीपल, सप्तवर्ण, जामुन आदि समस्त चैत्यव्रक्ष पृथिवीकायिक व्रक्ष कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचेन्द्रियत्व – Panchendriyatva. To be five-sensed. पांच इन्द्रियों का होना” सयोगी अयोगी केवली को देव्येन्द्रिय की अपेक्षा पंचेन्द्रियत्वहोता है भावेन्द्रियकी अपेक्षा नहीं “