निर्वृत्ति मार्ग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति मार्ग – Nirvrtti Marga. Path of salvation. त्याग मार्ग,मुनि व त्यागी होने की तरफ चलना (महाव्रतों को धारण करना) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति मार्ग – Nirvrtti Marga. Path of salvation. त्याग मार्ग,मुनि व त्यागी होने की तरफ चलना (महाव्रतों को धारण करना) “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मानी : == योऽपमानकरणं दोषं, परिहरति नित्यमायुक्त:। सो नाम भवति मानी, न गुणत्यक्तेन मानेन।। —समणसुत्त : ८९ जो दूसरे को अपमानित करने के दोष का सदा सावधानीपूर्वक परिहार करता है, वही यथार्थ में मानी है। गुणशल्य अभिमान करने से कोई मानी नहीं होता।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्ताशक्ति मौद्रा–Muktashakti Vrat. A posture with joined hands placed together and raised to pay reverence. वन्दनामुद्रावत ही खड़े होकर, दोनों कुहनियो को पेट के ऊपर रखकर, दोनों हाथो की उंगलियो को आकार विशेष द्वारा आपस में संलगन करके मुकुलित बनाना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाणसंपत्ति यंत्र – Nirvaanasampatti Yantra. A metallic plate engraved with auspicious mystic words. मंत्र लिखित धातु की एक प्लेट “
आरंभ Beginning, Tendency to cause pain to others. कार्य करने लगना, पापास्रव के 108 कारणों में से एक भेद प्राणियों को दुःख पहुँचाने वाली प्रवृत्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदंक Name of the 8th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). ये भावी चैबीसी के आठवें तीर्थंकर हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिंबसार – Bimbasara Another name of Magadharaj Shrenik, who will be the first Tirthankar (Jaina-Lord) of future time. मगधराज श्रेणिक का अपर नाम ” समय ई.पू.६०४-५५२ ” ये भगवान महावीर के समवसरण में प्रमुख श्रोता थे ,जिनके द्वारा ६०,००० प्रशन पूछे गये ” ये भविष्यकाल के प्रथम तीर्थकर ‘महापध्ह्य’ होंगे “
आशातना Destroying of disrespectful conduct. कुचारित्र का क्षपण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]