तत्वोपलब्धि!
तत्वोपलब्धि Internally self developed knowledge. आत्मानुभव निज तत्वोपलब्धि के बिना सम्यक्तव की उपलब्धि नहीं होती । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वोपलब्धि Internally self developed knowledge. आत्मानुभव निज तत्वोपलब्धि के बिना सम्यक्तव की उपलब्धि नहीं होती । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नसंचय – विजयार्घ की दक्षिण श्रेणी एवं पष्चिम विदेह क्षंेत्र के नगर का नाम Ratnasancaya- Name of a city situated in Southern Vijayardh Mountain & city of western videh region
जगन्नाथ The writer of the book ‘Sukh Nidhan’. ‘सुख निधान’ के रचयिता (ई. १६४२-) ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सशल्य मरण – Sashalya Marana. Death with passionate sting or passionate sting or passionful death. माया, मिथ्या, निदान इनमें से किसी भी शल्य सहित मरना ।
जघन्य युक्तासंख्यात A mathematical term (reg. numbers). जघन्य परितासंख्यात की दो बार वर्गित संवार्गित राशि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वार्थाधिगम Knowledge of ascertained reals or truth. तत्वों के अथ्ज्र्ञ का ज्ञान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नप्रभा – अघोलोक की प्रथम भूमि,रूढि का नाम घम्मा है। यह एक लाख 80 हजार योजन मोटी हैं। इसके तीन भाग है – खर भाग, पंक भाग अब्बहुल भाग। इसमे खर भाग पंक भाग में भवनवासी और व्यंतर देवो के भवन है। आंैर तीसरे भाग अब्बहुल में नारकियों के भवन है। Ratnaprabha- Name of…
जघन्य प्रोषधोपवास A type of fasting (related to Ashtami, Chaturdashi). अष्टमी , चतुदशी को एकासन अथवा आचाम्ल निर्विकृति आहार करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
णमोंकार विधान Name of a Vidhan-procedural worshipping composition. आर्यिका श्री अभयमती माताजी (ई.श.20 उत्तरार्द्ध) एंव अन्य लेखकों द्वारा रचित णमोकार मंत्र के 35 अक्षरों पर आधारित एक पूजा विधान। [[श्रेणी:शब्दकोष]]