लोहागल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोहागल –Lohaagal The 11th city of the southern Vijayardha mountain . विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 11वां नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोहागल –Lohaagal The 11th city of the southern Vijayardha mountain . विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 11वां नगर “
तिर्यक् द्विक A dyad related to subhuman beings (Tiryanch). तिर्यच गति व आनुपूर्वी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्व्याकुल चित्त – Nirvyaakula Chitta. Mind free from all agitations. सुख; शांत मन अर्थात् व्याकुलताओं से रहित मन “
तिर्यांच The beings other than human, celestial & infernal beings. मनुष्य , देव और नारकी जीवों को छोड़कर शेष एकेन्द्रिय से लेकर पंचेन्द्रिय तक के जीव तिर्यंच कहलाते हैं। मन वचन काय की कुटिलता को प्राप्त, निकृष्ट अज्ञानी और जिनके अत्यधिक पाप की बहुलता पायी जाये, उसको तिर्यंच कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वेगिनी कथा – Nirveginee kathaa. Story which produces feelings of asceticism or datachment. 4 धर्मकथाओं में एक कथा–संसार, शरीर और भोगों में वैराग्य को उत्पन्न करने वाली कथा ” अपरनाम-निर्वेजनी कथा “
तारणपंथी Non-idolator sect of Digambara Jain tradition. दिगम्बर जैनों में मूर्ति पूजा को न मानने वाला एक नया पंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आविद्ध Whirling, Turning round with velocity. गति दिया हुआ या छिदा हुआ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बेलंधर – Belamdhara. Name of a ruling deity of Kaustubha- bhas mountains situated in Lavan ocean. लवण समुद्र स्थित कौस्तुभ व कौस्तुभाभास पर्वत के स्वामी देव “
तात्पर्यवृत्ति Name of commetary books; written by Acharya Abhaynandi & Acharya Jaisen separately. आचार्य अभयनन्दि (ई. 930-950) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की टीका का नाम , आर्चार्य जयसेन (ई.श. 11-12) वृत्त समयसार , प्रवचनसार , व पंचास्तिकाय की टीकाएँ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दक्षिण कल्प Southern part of Patals (levels) of all 16 heavens. 16 स्वर्गोंे के पटलों का दक्षिणी भाग। जहाँ दक्षिण दिशा के इन्द्रों का निवास होता है। जैसे – सौधर्म इन्द्र, सानत्कुमार इन्द्र आदि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]