ऊर्ध्वगुरूत्व!
ऊर्ध्वगुरूत्व Upward attractive force. किसी चीज को ऊपर की तरफ ले जाने की सामर्थ्य उर्ध्वगुरूत्व है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊर्ध्वगुरूत्व Upward attractive force. किसी चीज को ऊपर की तरफ ले जाने की सामर्थ्य उर्ध्वगुरूत्व है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिक देव- एक प्रकार का व्यंतरजातीय देव। Pratika Deva- A type of peripatetic deities
जयंत Name of an ‘Anuttar’ heaven, Name of a summit of Ruchak mountain, A door of Jambudvip (an island), Cities in the north & south of Vijayardh mountain, Name of a planet and a demigod. एक अनुत्तर स्वर्ग का नाम , रूचक पर्वत का एक कूट , जम्बूद्वीप की जगती का द्वार , विजयार्ध की…
[[श्रेणी:शब्दकोष]][[श्रेणी:पुत्र]] प्राणत – कल्प स्वर्गो में 14 वा कल्प ;स्वर्गद्ध Pranata- The 14th heaven
तत्ववती धारणा Auspicious conceptual meditation with contem-plation. पिंडस्थ ध्यान की एक धारणा जिसमें अपनी आत्मा को अतिशय युक्त, सिंहासन पर आरूढ,कल्याण की महिमा सहित देव, दानव धरणेन्द्रादि से पूजित है, ऐसा चिन्तन करना। तत्पश्चात अपने शरीर में प्राप्त आठों कर्मो से रहित निर्मनल पुरूषाकार आत्मा का चिंतवन करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिर्यान क्रिया- गर्भान्वय की एक क्रिया; जन्म के 3/4 महीने पश्चात् बालक को प्रसूतिगृह से बाहर लाना एवं यथाशक्ति कुछ भेंट आदि देना। Bahiryana Kriya- A type of auspicious activity, presenting some articles on the birth celebration of a newly born child
उद्योत शुद्धि Careful act of walking (in day light). सूर्य के प्रकाश में जब साफ भूमि दिखने लगे तब मुनि 4 हाथ भूमि देखकर चलते हैं इसे ही उद्योतशुद्धि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालचंद्र- मुनि; समयसार, प्रवचनसार, पंचास्तिकाय, तत्त्वार्थसूत्र व परमात्मप्रकाश के कत्रड़ टीकाकार। समय- ई.श. 13 पूर्व। इस नाम से भवत्रिभंगी तथा द्रव्य संग्रह की टीका के कर्ता (ई. 1273-1311) आदि अन्य दिगम्बर मुनि भी हुए है। Balacandra- Name of some Jaina saints