चित्ररथ!
चित्ररथ A king of Kuru dynasty. कुरुवंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरस्वती – Sarasvatee. Goddess of learning, Resonant preaching of Tirthankars (Jaina-Lords), mother’s name of the 11th Jaina-Lord of Videh (region), the female beloved divinity of an Indra in peripatetic deities of Gandharva type. विद्या की देवी, द्वादशांग जिनवाणी के प्रतीक रुप मे देवी के आकार की सरस्वती की मूर्ति जैन आगम मे मान्य है।…
उद्धारसागर A time unit. काल का एक प्रमाण 10 कोड़ाकोड़ी उद्धारपल्योपन काल का एक उद्धारसागर होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चालिसिय A type of conduct deluding Karmas. चारित्र मोहनीय ; ४० कोटाकोटी स्थिति वाले बंध चालिसिय कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिभुवनस्वयंभू Son of the poet Svayambhu. कवि स्वयंभू के पुत्र जिसने वृहत्सर्वज्ञसिद्धि की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उत्सेधांगुल A length unit. 8 जौ प्रमाण नाप इससे जीवों के शरीर की ऊँचाई देवों के निवास स्थान व नगरादि का प्रमाण मापा जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
च्युत शरीर Expired body. कदलीघात मरण के बिना कर्म के उदय से झड़ने वाले आयुकर्म के क्षय से अपने आप पतित शरीर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्श निक्षेप – Sparssana Niksepa. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेणु – Venu. Name of a deity of Ratnakut (summit) of Manushattar mountain, A protection deity of Shalmali tree, Acelestial deity (Indra) of Suparnakumar, A city of northemVijayardhmountain. मानुषोत्तर पर्वत के रत्नकूट का एक देव , शाल्मली वृष का रक्षक देव, सुपर्णकुमार भवनवासी देवो का इन्द्र, विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष – Sparssa. Touch, contact.छूना, स्पर्षन इन्द्रिय का विषय, यह 8 प्रकार का होता हंै- उष्ण, शीत, रुक्ष, स्निग्ध, कोमल, कठोर, लधु और गुरु।