मंदिर निर्माण कर्म!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदिर निर्माण कर्म – Mandira Nirmana Karma. A duty of householders to construct the temples. श्रावकों का एक कर्म ; मंदिर का निर्माण कर पंचकल्याणक आदि विधि से जिनेन्द्रप्रभु को विराजमान करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदिर निर्माण कर्म – Mandira Nirmana Karma. A duty of householders to construct the temples. श्रावकों का एक कर्म ; मंदिर का निर्माण कर पंचकल्याणक आदि विधि से जिनेन्द्रप्रभु को विराजमान करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकुब्जा – Prakubja. Name of the chief Aryika in the assembly of Lord Ajitanath. अजितनाथ भगवान के समवसरण की प्रधान आर्यिका अर्थात् गणिनी का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितथ –Vitatha.: Untrue,False,Meaningless. असत्य,मिथ्या,निरर्थक “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंत्र महोदधि : Name of a book related to mystical knowledge (sorcery). मंत्र तंत्र विषयक एक किताब “
दर्पणतुल्य भूमि An excellence of Lord Arihant (Land to have like mirror).अरहंतो के केवलज्ञान का एक, अतिशय, दर्पण के समान भूमि का स्वच्छ होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कुल : == पुरिसाण कुलीणाण वि न कुलं विणयस्स कारणं होइ। चंदाऽमय—लच्छि सहोयरं पि मारेइ किं न विसं।। —गाहारयणकोष : १०० कुलीन पुरुषों का कुल विनय (आचार) का कारण (प्रमाण) नहीं होता। विष चन्द्र, अमृत एवं लक्ष्मी का सहोदर होते हुए भी क्या प्राण नाश नहीं करता ?
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयसेन – Vijayasena.: Name of an Acharya possessing knowledge of 11 Angas & 10 Purvas (part of scriptural knowledge). भद्रबाहु श्रुतकेवली के पश्चात् हुए 8 वें 11 अंग व 10 पूर्वधारी आचार्य “समय –वि.नि. 282 -295 “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगलावती: Name of an area of eastern Videh Kshetra (a region) and name of deity. पूर्व विदेह का एक क्षेत्र एवं आत्मांजन व क्षार का एक कूट व उसका रक्षक देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिषेणा – Namdisena Name of the female deity of Ruchak mountain. रुचक पर्वत की दिक्कुमारी देवी ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजय कवि – Vijaya Kavi.: Name of a poet of ‘Ajit Puran’ in Apabhransh language. अपभ्रंश में अजित पुराण के रचयिता “समय –ई.सन् 1448 “