उपशमकरण!
उपशमकरण The process of upasham (subsidence) . जो कर्म उदयावली प्राप्त करने को असमर्थ हों, उदय में न आवें, दबे रहें।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशमकरण The process of upasham (subsidence) . जो कर्म उदयावली प्राप्त करने को असमर्थ हों, उदय में न आवें, दबे रहें।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनय संपन्नता – Vinaya Sampannata. Reverence with respect (humble reverence). षोडशकारण भावना का एक भेद; ज्ञान आदि गुणों और उनके साधक गुरुजनों का यथायोग्य रीती से आदर सत्कार करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेंत – Veinta. Cane, A stick. वेत्त, लाठी ” संज्वलन मान कषाय का दृष्टन्त “
उपवास fasting, Introspective fasting . बाह्य तप का एक भेद अन्न जलादि आहार का त्याग करना तथा विषय कषाय को छोड़कर आत्मा में लीन रहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूक संज्ञा–Muuk Sangya. An infraction of meditative relaxation or posture of meditation. कायोत्सर्ग का एक अतिचार” गूंगे की भाति हुनकर कटे हुए खड़े होना, अंगुली से किसी वस्तु की ओर संकेत करते हए खड़े होना”
उपभोग-परिभोग-परिमाण व्रत Vow of limiting consumption and enjoyment . 4 शिक्षाव्रतों का एक भेद कुछ समय अथवा जीवन पर्यंत के लिये उपभोग-परिभोग पदार्थों का परिमाण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकांत स्थान Absolute place, Secluded place. जहाँ किसी का आना जाना न हो ऐसा शून्य स्थान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपयुक्त नोआगम भाव मंगल That which are suitable in volitional auspicious-ness. जो आगम के बिना ही मंगल के अर्थ में उपयुक्त है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एक हजार आठ A number – 1008 (characteristics of Tirthankar – Jaina Lord. तीर्थंकर भगवान के 1008 लक्षण होते हैं। सहस्रनाम स्तोत्र में भवान के 1008 नाम हैं। सहस्रनाम विधान में 1008 अध्य्र हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपादक्षेत्र Regional place of birth (of Indras etc.). उपपाद का क्षेत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]