रयणसार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रयणसार – आचार्य कुन्दकुन्द कृत 167 प्राकृत भाशाओं में निबद्ध गं्रथ। Rayanasara-name of a treatise by Acharya Kund Kund
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रयणसार – आचार्य कुन्दकुन्द कृत 167 प्राकृत भाशाओं में निबद्ध गं्रथ। Rayanasara-name of a treatise by Acharya Kund Kund
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्षण – किसी वस्तु की पहचान बताने वाला स्वरूप हेतू या चिन्ह को लक्षण कहते है। Laksana-Symptoms, Indication, Characteristics or distinguish feature
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोधर – भूतकालीत 19 वें तीर्थकर, मध्यम ग्रैवेयक का एक इन्द्रक विमान, मानुशोत्तर पर्वत के सौगन्धिक कूट का एक देव, एक राजा जिन्होने आटे के मुर्गे की बलि करके कई भवों तक दुर्गति के दुख उठाये। देखें – यषोधर चरित, आटे का मुर्गा आदि पुस्तकें। Yasodhara-Name of the 19th Tirthankar (Jaina-Lord) in the past…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पराभाव:Mutual non-existence of matters.एक द्रव्य में दूसरे द्रव्य का अभाव होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रायमल्लाभुदय – 24 तीर्थकरों के जीवन वृत्त विशयक एक ग्रथ। Rayamallabhyudaya- name of a religious book रावण – 8 वा प्रतिनारायण राजा रत्नश्रवा व रानी कैकसी का पुत्र अपरनाम दषानन। यह लंका का राजा था इसकी 18 हजार रानियां थी। जैन धर्म के अनुसार सीता का हरण कर नारायण लक्ष्मण के हाथों मरकर तीसरे…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्ननंदी – नंदीसंध बलात्कार गण में वीरनंदी न 1 के षिश्य व माणिक्यनंदी न 1 के गुरू। समय ई 639 से 668 Ratnanadi-Name of the disciple of Virnandi-1 and preceptor of Manikyanandi-1
त्रिधाकरण Three divisions of wrong (false) Karmas. मिथ्यात्व के तीन खंड करने की विधि को त्रिधाकरण कहते हैं मिथ्यात्व , सम्यक्मिथ्यात्व, सम्यक्प्रकृति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोधरा – रूचक पर्वत निवासिनी दिक्कुमारी देवी। Yasodhara-Name of a female divinity of Ruchak Mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर नामकर्म – Shareera Naamkarma. Physique making Karmic nature causing formation of complete body. जिसके उदय से औदारिक आदि शरीर की रचना हो “
आनर्थक्य Unnecessary, Unnecessary possession of things. अनावश्यक भोग-उपभोग के लिए आवश्यकता से अधिक वस्तु रखना (भोगोपभोग परिमाण व्रत का एक अतिचार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]