नीचोपपाद देव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचोपपाद देव – Neechopapaada. A type of peripatetic celestials. एक प्रकार की व्यंतरजातीय देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचोपपाद देव – Neechopapaada. A type of peripatetic celestials. एक प्रकार की व्यंतरजातीय देव “
धर्ममित्र A king who gave first food (reg. Parana) to Lord Kunthunath at Hastinapur. एक राजा ; कुंथुनाथ तीर्थंकर को हस्तिनापुर में प्रथम पारणा करने वाले। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसृष्टार्थ – Nisrishtaartha. Best message conveyor. संदेशवाहक सर्वश्रेष्ठ दूत, कार्य में सफलता प्राप्त करना इसका उद्देश्य रहता है “
धर्मदत्त चरित्र A book written by Acharya Dayasagar Suri. आचार्य दयासागर सूरि (ई.1429) कृत एक ग्रंथ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन प्रयोग कर्म – Vachan Prayoga karma.: A type of Prayoga karma (Pertaining to speech). प्रयोग कर्म के 3 भेदों में एक – जो संसार अवस्था में स्थित जीवों के और सयोग केवलियों के होता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्त – Bhakta. A devout, a devotee, a pious person, Some-thing divided or separated. धार्मिक, धर्म या धर्मगुरु के प्रति समर्पित व्यक्ति, गणित की भागाहार विधि में भाज्य राशी को भागहार द्वारा भक्त किया गया कहते हैं “
धरसेन The spiritual teacher or preceptor of Acharya Pushpadant and Bhootbali. एक आचार्य, जिन्होंने पुष्पदंत- भूतबली को जैन सिद्धांत पढ़ाया और इन दोनों आचार्यों ने धवलादि मूल ग्रंथों की रचना की।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] ==आचार्य श्री धरसेन स्वामी का विशेष परिचय == भगवान महावीर स्वामी ने भावश्रुत का उपदेश दिया अत: वे अर्थकर्ता हैं। उसी काल…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्रग्रीव – Vakragriiv: The other name of Acharya Kund-Kund, Name of another great Acharya also. आचार्य कुंदकुंद का अपर नाम, अंगांशधारियों की परम्परा में एक आचार्य (ई.श. 12) “