णमोंकार विधान!
णमोंकार विधान Name of a Vidhan-procedural worshipping composition. आर्यिका श्री अभयमती माताजी (ई.श.20 उत्तरार्द्ध) एंव अन्य लेखकों द्वारा रचित णमोकार मंत्र के 35 अक्षरों पर आधारित एक पूजा विधान। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
णमोंकार विधान Name of a Vidhan-procedural worshipping composition. आर्यिका श्री अभयमती माताजी (ई.श.20 उत्तरार्द्ध) एंव अन्य लेखकों द्वारा रचित णमोकार मंत्र के 35 अक्षरों पर आधारित एक पूजा विधान। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वार्थसूत्र लघु A book written by a celibate Prabhachandra. ई. सन् 700 में प्रभाचन्द्र ब्र. द्वारा रचित तत्वार्थ संबंधी एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूल प्रायश्चित–Mula Prayshchit. A special punishment for a saint –Re-initiation. किसी दोष विशेष से युक्त साधु को पुनः दीक्षा देना मूल प्रायश्चित कहलाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक निर्जरा – Savipaaka Nirjaraa. Shedding off or dissociation of Karmas on maturity. निर्जरा के दो भेदों में एक भेद, कर्मो का अपने समय पर उदय में आकर झडना ।
तत्वमाला A Hindi book on 7 tattvas, written by Brahamchari Seetalprasad. ब्रं. शीप्रसाद कृत सात ततवों पर हिन्दी पुस्तक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसपर्ण –Visarpana. Expansion, Crawling, Slight expansion of soul-points. फैलाव, प्रसारण, विस्तार, रेंगना, सरकाना, दीपक के प्रकाश के समान जीव के प्रदेशों का संकोच-विस्तार (विसपर्ण) होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वोपशम – Sarvopashama. Super subsidence (of Kamas). मिथ्यत्व आदि तीनो प्रकृतियों के उदयाभाव को सर्वोपशम कहते है। प्रथमोपशम सम्यक्त्व का लाभ भी सर्वोपशम से होता है।
चमत्कार Amazement, Astonishment, Splendour, Supernatural events. विस्मय , आश्र्चय, उत्कर्ष , लोकमूढ़ता; लौकिक चमत्कारों के प्रति आकर्षित होना सम्यग्दर्शन का एक दोष है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वस्थिति – Sarvasthiti. Karmic aggregate at highest state. उत्कृष्ट स्थिति में रहने वाले (बद्धक्रम के ) सम्पूर्ण निषेकों का जो समू है वह सव्रस्थिति है।
चंद्रगुप्त A king of Maurya empire. चंद्रगुप्त मौर्य(ई.पू. ३२२-२९८); मौर्य साम्राज्य के संस्थापक, भद्रबाहु श्रुतकेवली के शिष्य, जैनत्व दीक्षा लेने वाले अंतिम सम्राट्।[[श्रेणी:शब्दकोष]]