धर्मकथा!
धर्मकथा Religious story. धर्म में दृढ़ करने वाली कथा ; आक्षोपिणी, विक्षोपिणी, संवेदिनी, निर्वेदिनी के भेद से 4 प्रकार की है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मकथा Religious story. धर्म में दृढ़ करने वाली कथा ; आक्षोपिणी, विक्षोपिणी, संवेदिनी, निर्वेदिनी के भेद से 4 प्रकार की है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुक्ष्मत्व गुण – Sukshmatva Guna. One of the 8 virtues of salvated soul obtained by the destruction of physique making Karmas (extremely subtle form). सिद्धो के 8 गुणो में एक गुण, यह नामकर्म के क्षय होने से प्रगट होता है। इन्द्रिय गोचर न होना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायसुधा – Nyaaysudhaa. A book written by kashik & Someshvar bhatta. मीमांसा दर्शन प्रवर्तक काशिका व सोमेश्वर भट्ट कृत एक ग्रंथ “
धरणा Name of the Ganini (chief Aryika) in the holy assembly of Lord Sheetalnath. शीतलनाथ भगवान के समवशरण की गणिनी (प्रमुख आर्यिका) का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुसीमा – Suseemaa. Mothr’s name of Lord Padmaprabhu. कौशाम्बी नगरी के राजा धरण की रानी एवं तीर्थकर पदमप्रभु की माता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाषाण – Pasana. The 16th earth (part) of the Khar division of Ratnaprabha earth of the lower hellish world, A type of listener- dull minded. अधोलोक में प्रथम रत्नप्रभा पृथ्वी के तीन भागों में से प्रथम खरभाग की सोलहवीं पृथ्वी. श्रोता का एक प्रकार; समझाये जाने पर भी जिनके ह्रदय में जिनवाणी का प्रवेश…
धनपाल A type of peripatetic celestials, Name of the writer of ‘Bhavishyadatta Charitra’. यक्ष जाति के व्यंतर देवों के 12 भेदों में नवां भेद, ‘ भविष्यदत्त चरित्र’ प्राकृत के कर्ता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्ग समीकरण – Varg Samiikaran.: Quadratic equation. ax2 + bx +c=0, इस तरह का एक गणितीय संबंध “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वाभ्युदय- Parsvabhyudaya. A book written by Acharya Jinsen-2. आचार्य जिनसेन द्वितीय (ई. ८१८-८७८) कृत एक काव्य ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भरतकूट – Bharatakuta. Name of summits of Vijayardh & Himvan moun- tains. विजयार्ध पर्वत की उत्तर व दक्षिण श्रेणियों पर स्थित कूट एंव हिमवान् पर्वत पर स्थित एक कूट “