उपासना!
उपासना Worshipping, Adoration . शुद्धात्म भावना की सहकारी कारणरूप से की गई सेवा पूजा आराधना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपासना Worshipping, Adoration . शुद्धात्म भावना की सहकारी कारणरूप से की गई सेवा पूजा आराधना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दारिका Prostitute. वेश्या – जो धन के लिए पुरूष का सेवन करती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपादान-उपादेय संबंध Mutual relation between cause & means . कारण कर्म संबंध।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दश स्थान Ten specific places in body to concentrate the mind. शरीर में नेत्र युगल, दोनो कान, नासिका का अग्रभाग, ललाट, मुख, नाभि, मसतक, हृदय, तालु, भौहों का मध्य भाग ये दस स्थान हैं। इन स्थानों में से किसी एक पर चित्त एकाग्र करने से ध्यान की अवस्था प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्तमान नैगम नय – Vartmaana Naigama Naya.: A standpoint describing completeness for an uncompleted work, to say complete for an uncompleted work. जो कार्य हो रहा हो, पूर्ण न हुआ हो तब ही कहना पूर्ण हो गया “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचक्षायिक लब्धि – Panchakshaayika Labdhi. Five kinds of destructional (reg. Karmas) attainments. क्षायिक दान, क्षयिक लाभ, क्षायिक भोग, क्षायिक उपभोग और क्षायिक वीर्य “
दर्शनशुद्धि (शास्त्र) A book written by Acharya ‘Chandraprabh Suri’. आचार्य चन्दप्रभ सूरि (ई.1102) द्वारा रचित एक न्याय ग्रन्थ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञ दीक्षा–Yagya Deeksha. Consecrational–initiation; giving particular vows to worshippers for a particular time period of Panch–Kalyanak, Vidhan etc. to become Indras by the Partishthacharya. पंचकल्याणक प्रतिष्ठा; इन्द्रध्वज विधान आदि में इन्द्रो (यजमान) के लिए कराई जाने वाली एक विशष विधि; जिसमेहाथ में कंकण बांधकर पूजापर्यन्त ब्रह्मचर्य व्रत, एकासन आदि का नियम कराया जाता…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अनुत्तर विमान – Pancha Anuttara Vimaana. Five supreme heavenly aboding places. 9 अनुदिशों के ऊपर विजय, वैजयंत, जयंत, अपराजित और सर्वार्थसिद्धि विमान “