द्रव्यदृष्टि!
द्रव्यदृष्टि Substantive standpoint. द्रव्य नय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य अप्रतिक्रमण Reverential view for the accepted matters in the past. अतीतकाल में जो परद्रव्यों का ग्रहण किया था, उनको वर्तमान में अच्छा जानना , उनका संस्कार रहना, उनके प्रति ममत्व भाव का होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शय्या परिषह – Shayyaa Parishaha. A kind of affliction relted to sleeping with hardness. 22 परिषहों में एक परिषह; ध्यान अध्ययन अथवा मार्ग के श्रम से थककर साधू द्वारा कठोर भूमि पर एक करवट बिना कुछ ओढ़े अल्प निद्रा लेना और बाधा को समतापूर्वक सहन करना “
दौलतराम Name of Pandits, who wrote a number of books on Jainism. पंडित 1. पदमपुराण, आदिपुराण , हरिवंशपुराण, आदि की वचनिका के कर्ता, क्रियाकोश, अध्यात्म बारहखड़ी आदि के कर्ता, समय- वि. 1777-1829। 2. छीढाला, पदसंग्रह के कर्ता (समय- वि. 1855-1923)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर रूप:Alien nature.अपने स्वभाव को छोडकर विभाव रूप परिणमन होना ।
देहरहितता Bodilessness, the state of salvation (a virtue of Siddha). सिद्ध परमेष्ठी का शरीर से रहित होने का गुण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौखर्य–Maukharya. Talkativeness, Useless talk, garrulity. अनर्थदंड विरति व्रत का एक अतिचार; वृथा बहुत बकवास करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामानिक – Saamaanika. Those equal to Indras in age, power and enjoyment but lacking in grandeur. जो देव आयु, शक्ति, परिवार तथा भोगोपभोग में इन्द्र के समान होते है, किन्तु आज्ञा और ऐष्वर्य में इन्द्र से हीन होते है। ये पिता गुरू या उपाध्याय के समान माने जाते है।
ऋजुवाक्कृतार्थज्ञ One having telepathic knowledge (Manah Prayay Gyan) related to utterances. वचन के द्वारा किये जाने वालेू कार्य को ऋजुमति मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]