दर्पण!
दर्पण Mirror; an auspicious device which is to be kept near Lord idol. शीशा, एक मंगल, अकृत्रिम प्रतिमाओं के समीप सिथत 108 मंगल द्रव्यों में एक मंगल द्रव्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्पण Mirror; an auspicious device which is to be kept near Lord idol. शीशा, एक मंगल, अकृत्रिम प्रतिमाओं के समीप सिथत 108 मंगल द्रव्यों में एक मंगल द्रव्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकानुप्रेक्षा –Lokaanupreksha.: See –Loka Anupreksha. देखें –लोक अनुप्रेक्षा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरतिचार – Niratichaara. Non-transgression, Non-violation. दोष न लगाना, अतिचार रहित “
त्यागधर्म Doctrine of renunciation. 10 धर्मों में एक धर्म, संचेतन और अचेतन समस्त परिग्रह की निवृत्ति एंव संसार – शरीर – भोगों से उदासीनता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्युपासना – Paryupaasana. Service, devotion. समर्पण व सेवा का भाव होना “
फलत्याग Abandonment of some particular fruits for some particular time. समस्त अथवा कुछ फलों का नियत समसय के लिए त्याग करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकपूरण समुद्घात – Lokapuran Samudghaata.: Universaily pervasion of the soul-points of omniscient one (Kevali Bhagwan). केवली समुद्घात का चौथा चरण ; केवली भगवान के आत्मप्रदेशों को सर्वलोक में फैलाना या व्याप्त करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक गति – Parinamika Gati. Resultant motion of air, fire etc. स्वभाव गति; वायु, अग्नि, परमाणु, मुक्तजीव, ज्योतिर्देव आदि की गति “
तैजस संघात नामकर्म Karmic nature causing luminous body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाएं परस्पर छेद रहित एकमेक हो जाएं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]