तनुरक्षक देव!
तनुरक्षक देव Attendant deities of Indras. इंद्र की सेवा में रहने वाले अंगलक्षक जाति के देव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तनुरक्षक देव Attendant deities of Indras. इंद्र की सेवा में रहने वाले अंगलक्षक जाति के देव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिघकर्म – Pratighakarma. Removing obstruction or resistance. अनुयोग की निरुक्तिमें प्रयुक्त 5 दृष्टान्तों में एक-जैसे लकड़ी से किसी वस्तु को तैयार करने के लिए उसके निरुपयोगी भाग को छांटकर निकाल देना (अपरनाम-प्रतिघात कर्म) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणेता – Pranetaa. Founder, Maker, Composer. संस्थापक, रचनाकार “
तिमिस्र नरक The 5th Patal (layer) of the 5th hell . 5 वें नरक के 5 वें पटल का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदंत (आचार्य) – Puspadamta (Acarya). Name of an Acharya of Moolsangh, who wrote Shatkhandagam (a great Jaina treatise). मुलसंघ के एक आचार्य; धरसेनाचार्य के पादमुल में ज्ञान प्राप्त करके षट्खंडागम की रचना की, ये अंगांशधारी थे. इस नाम से और भी आचार्य हुए “
तद्भाव तदुपचार Conventional usage. उपचार का एक भेद जैसे गाडी वाले पुरूष को गाडीवाला कहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्कर – Puskara. Name of a Viman (heavenly abode) of Achyut heaven. अच्युत स्वर्ग का एक विमान “
तापन The 4th Patal (layer) of the 3rd hell. तीसरे नरक का चौथा पटल। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुदेवचंपू – Purudevacampu. Name of a book written by Arhaddas. अर्हद्दास (उत्तरार्ध ई. श. १३) द्वारा रचित ॠषभचरित्र विषयक एक ग्रंथ “