गुरुसाक्षी!
गुरुसाक्षी Presence of teacher. गुरु की प्रत्यक्षता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य अंतरात्मा Beings with right faith but not observing vows. तत्त्व श्रद्धा के सात्घ व्रतों को न रखने वाले अविरत सम्यग्दृष्टि जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयोपसंयत – Vinayopasamyata. Reverential & respectful welcome (of saints rtc.). अन्य संघ से आये हुए मुनियों को आसनदान, प्रियवचन, पुस्तक आदि दान करके आदर करना “
जघन्यलब्धि Minimum attainments of spiritual virtues (like restraint etc.). जघन्य क्षयोपशम या संयामादि गुणों की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसरण – Sansarana. Movement, Worldly wandering, birth & death cycle of beings. गमन, संसार में जन्म मरण करने का नाम संसरण है “
जम्बूसामिचरिउ Name of a book written by poet “Veer”. कविवीर द्वारा ई. सन् १०१९ में रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक उदय – Savipaaka Udaya. Fruition of Karmas on maturity. काल, भव और क्षेत्र का निमित्त पाकर कर्मो का उदय होता है। वह दा प्रकार का है- सविपाक उदय और विपाक उदय । कर्मो का स्थिति पूर्ण होने पर उदय में आना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्थिति – Bhava Sthiti. Constant nature. जिसका जो स्वभाव है उससे च्युत न होना “